लखनऊ: राज्यसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा ने यूपी से अपना आठवां उम्मीदवार भी उतार दिया है. लखनऊ के मशहूर बिल्डर संजय सेठ ने भाजपा के टिकट पर अपना नामांकन दाखिल किया है. संजय लखनऊ के एक बड़े नगर सेठ हैं और पहले भी भाजपा से राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं.
वह इतने बड़े सेठ हैं कि उनको सत्ता का साथ हमेशा जरूरी लगा. उत्तर प्रदेश में सरकार बहुजन समाज पार्टी की हो या समाजवादी पार्टी की या फिर वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी की संजय सेठ सभी के साथ खड़े हुए नजर आए. कहा जाता है कि संजय सेठ समाजवादी नेताओं को बंगले गिफ्ट करने में तो मायावती के लिए जी जान से खड़े रहने में सबसे आगे रहे.
2016 में विधान परिषद में मनोनीत होने के लिए जब समाजवादी पार्टी की ओर से प्रस्ताव राजभवन को भेजा गया था तब तत्कालीन राज्यपाल रामनाईक ने प्रस्ताव को वापस कर दिया था और यह पूछा था कि सामाजिक कार्यों में संजय सेठ का क्या योगदान है. तब संजय सेठ मनोनीत विधान परिषद सदस्य नहीं बन सके थे.
खास बात यह है कि उत्तर प्रदेश में जिस पार्टी की सत्ता होती है, संजय सेठ उसके नजदीक होते हैं और जब बात उत्तर प्रदेश में भाजपा के सामने राज्यसभा के लिए आठवां उम्मीदवार चुनने की आई तो संजय सेठ सबसे आगे खड़े थे.
मायावती का संजय सेठ ने दिया था साथ:माल एवेंन्यु में बसपा के कार्यकाल में एक स्मारक का निर्माण किया जा रहा था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट की रोक थी. ये बात 2011 की है, तब इसी परिसर में एक मजदूर की गिरने से मौत हो गई थी. ये मामला उच्च स्तर पर पहुंच गया था कि जहां सुप्रीम कोर्ट की रोक थी वहां निर्माण कैसे हो रहा था.
इसके बाद में मुकदमा दर्ज किया गया कि जॉपलिंग रोड स्थित संजय सेठ के निर्माणाधीन परिसर में मजदूर की मौत हो गई. संजय सेठ की कंपनी की ओर से मजदूर को मुआवजा भी दिया गया. इस तरह से संजय ने मायावती की मदद की थी.
मुलायम सिंह के कई बंगले फ्री में बनाए: संजय सेठ हर कदम पर मुलायम सिंह के परिवार के साथ रहे. सूत्रों का कहना है कि मुलायम सिंह परिवार के अनेक बंगलो का निर्माण संजय सेठ ने फ्री ऑफ कास्ट किया था. यहां तक कि एक बंगला तो उन्होंने मुलायम सिंह को गिफ्ट भी किया था. इसके बाद में वे समाजवादी पार्टी के बहुत निकट हो गए थे.
लगभग 1000 करोड़ की लागत से बनाए गए जेपी सेंटर के निर्माण का कार्य भी संजय सेठ की कंपनी को ही मिला था. समाजवादी पार्टी की सरकार में संजय सेठ को विधान परिषद में मनोनीत करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था. तब राज्यपाल राम नाईक ने उनके कोई सामाजिक काम ना होने की वजह से प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था.
संजय सेठ ने दो दशक में बड़ा नाम कमाया:पिछले लगभग दो दशक से संजय सेठ ने बिल्डिंग निर्माण के क्षेत्र में जबरदस्त नाम कमाया. उनकी कंपनी शालीमार लिमिटेड इस क्षेत्र में जबरदस्त नाम कमा चुकी है. अनेक बिल्डिंग उनकी लखनऊ में हैं और अब देश के अलग-अलग हिस्सों में भी निर्माण हो रहे हैं. उनके पार्टनर खालिद मसूद हैं. वर्तमान में उनकी पत्नी इस कंपनी में निदेशक हैं.
अरबों रुपये के मालिक हैं संजय सेठ, गहनों और जयजाद की नहीं है कोई कमी
भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा के लिए उतारे गए आठवें उम्मीदवार लखनऊ के मशहूर बिल्डर संजय सेठ अरबों रुपये के मालिक हैं. उनके और पत्नी के नाम हीरे और सोने के करोड़ों रुपए के गहने हैं. जमीन जायदाद की कोई कमी नहीं है. नामांकन का पर्चा दाखिल करने के दौरान संजय सेठ ने जो हलफनामा दिया है, उसमें उन्होंने अपनी संपत्ति का जो उल्लेख किया है उससे स्पष्ट है कि संजय सेठ अरबपति हैं.
संजय सेठ की संपत्ति
- संजय सेठ के पास 10 लख रुपए कैश हैं.