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कुदरत का करिश्मा! काले कौए के बीच यहां दिखा सफेद कौआ, देखिए Video - White Crow

कौए का रंग हमेशा काला होता है. लेकिन क्या कौए का रंग सफेद हो सकता है? जी हां, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कौए पहले सफेद रंग के होते थे लेकिन एक गलती ने उन्हें 'काला' बना दिया. जबकि वैज्ञानिक मान्यता कुछ अलग है. औरंगाबाद में एक खास इलाके में सफेद कौआ देखे जाने के बाद इस बात की चर्चा खूब हो रही है कि क्या कौए का रंग सफेद हो सकता है? पढ़ें पूरी खबर-

बिहार में दिखा सफेद कौआ
बिहार में दिखा सफेद कौआ (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 18, 2024, 5:33 PM IST

Updated : Jul 19, 2024, 8:05 AM IST

बिहार के औरंगाबाद में दिखा सफेद कौआ (ETV Bharat)

औरंगाबाद: पक्षियों में कौवा चटख काला या फिर स्लेटी ब्लैक रंग का होता है. लेकिन बिहार के औरंगाबाद में एक ऐसा कौवा देखा गया जिसका रंग सफेद है. इस कौवे को लोग शुभ संकेत मान रहे हैं. ये खास तरह का कौवा वारुण प्रखंड के पिपरा गांव के 5 किलोमीटर दायरे में कभी-कभार दिखाई देता है. एक तरह से ये कौवा जब भी दिखता है तो वो ब्लैक कौओं की सिक्यिरिटी में रहता है.

कौए का रंग सफेद : स्थानीय लोग भी सफेद और बेहद ही खास कौए को देखकर हैरान रह गए. उन्होंने बताया कि जब इस कौए को पहली बार देखा तो कबूतर या कोई दूसरा पक्षी समझा लेकिन उसकी आवाज ने पुख्ता कर दिया कि वो कौआ है. कौए का रंग धरती के किसी भी कोने में हो काला या चटख काला ही मिलेगा. लेकिन ये कौआ खास होने की वजह से पूरे इलाके में चर्चा की वजह बना हुआ है.

बिहार में दिखा सफेद कौआ (ETV Bharat)

''पहली बार जब मैने इस सफेद रंग के कौए को देखा तो समझा कि ये कबूतर या पंडुक है. लेकिन कौआ सफेद हो सकता है इसे देखकर जाना. ये गांव के आसपास ही दिखाई देता है. जब देखना चाहेंगे तो नहीं दिखेगा. अनायास ही यह नजर आ जाता है.''- राजा दिलीप सिंह, स्थानीय निवासी, पिपरा गांव

ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

कौआ के सफेद से काला होने की पौराणिक कथा: कौआ के रंग को लेकर पौराणिक मान्यता भी है. सफेद रंग के कौए को लेकर जब ज्योतिषाचार्य संतोष कुमार मिश्र से पूछा गा तो उन्होंने इसे दैवीय चमत्कार बताया. कौआ को लेकर उन्होंने पौराणिक मान्यता से जुड़ी कथा बताई और कहा कि पहले कौए सफेद ही होते थे. लेकिन ऋषि के शाप की वजह काले पड़ गए हैं.

'शापित है काला कौआ' : पौराणिक कथा के मुताबिक एक दिन ऋषि तपस्या के बाद पता चला कि उत्तर दिशा में एक अमृत है, इस अमृत की जानकारी पुख्ता करने के लिए उन्होंने अपने आश्रम के एक कौवे को चुना. कौआ काफी चालाक और परिश्रमी होता है इसलिए ऋषि ने उसे अमृत की तलाश के लिए उपयुक्त समझा. उन्होंने उस कौए को निर्देश और ताकीद के साथ उड़ान भरने की अनुमति दी कि अमृत पीकर जूठा न करना.

दाना चुगता सफेद कौआ (ETV Bharat)

सफेद कौए की पौराणिक मान्यता: कौआ उड़ते उड़ते अमृत तक पहुंच गया, जहां उसने ऋषि की आज्ञा की अवहेलना कर अमृत का पान कर लिया. कौआ जब वापस ऋषि के आश्रम पहुंचा तो ऋषि को उसने सारी बात बताई. लेकिन उसने वह भी कहा कि उसने अमृत का पान किया है. ऋषि आज्ञा का उल्लंघन किया है. ऋषि ने ये सुनते ही क्रोधवश कौए को शाप दिया और उन्होंने अपने कमंडल के काले जल में डुबोकर बाहर निकाल दिया. तब से कौआ काला हो गया.

शाप से 15 दिन की मिली मुक्ति : शाप से मुक्ति पाने के लिए कौआ ऋषि से मिन्नतें करने लगा. ऋषि ने तब कहा कि तुझे पाप से मुक्ति नहीं मिल सकती, लेकिन अमृत का पान करने की वजह से तेरी अकाल मृत्यु भी संभव नहीं इसलिए तुझे पितृ पक्ष के दिन पूजा जाएगा. ज्योतिषाचार्य संतोष मिश्र ने बताया कि कौआ पूर्वज का प्रतीक है, अत: जो कौआ कुछ हटके दिखे तो यह शुभ लक्षण है. ऐसा कौआ ऋषि के शाप से मुक्त है.

औरंगाबाद में दिखा सफेद कौआ (ETV Bharat)

सफेद कौए की वैज्ञानिक मान्यताएं: कौए के सफेद होने की ये कौए को लेकर पौराणिक मान्यता थी. लेकिन कौआ सफेद होता है इसके पीछे वैज्ञानिक मान्यता ये है कि ये जेनेटिक डिसऑर्डर है. कृषि विज्ञान केंद्र में पूर्व पशु वैज्ञानिक डॉ. आलोक कुमार भारती ने ईटीवी भारत को बताया कि लगभग 30 हजार कौओं में से एक ही कौआ उजला होता है. यह एक ल्युसिज्म नाम की बीमारी होती है.

'जनेटेकिक डिसऑर्डर है कौए का सफेद रंग': डॉक्टर आलोक भारती ने आगे बताया कि ऐसे कौए में मेलानिन नहीं बनने की वजह से उसका पूरा शरीर सफेद हो जता है. यहां तक पंख और शरीर के अन्य भाग भी सफेद हो जाते हैं, जबकि आंख का रंग पिंक या फिर रेड हो जाता है. ऐसा होना जेनेटिक डिसऑर्डर है जो सफेद कौवा में बचपन से ही होता है.

ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

''कौए का सफेद रंग जेनेटिक डिसऑर्डर है. MC1R नाम के जीन्स के कारण यह बीमारी होती है. इसके अलावा अंडा में प्रोटीन की कमी के कारण भी बच्चे सफेद हो जाते हैं. हालांकि सफेद होने से कौवा के जीवन में कोई फर्क नहीं आएगा.''- डॉ आलोक कुमार भारती, पूर्व पशु वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र, सिरिस

काले कौए ही सफेद कौए के बन जाते हैं दुश्मन : पशु विशेषज्ञ डॉ आलोक कुमार ने बताया कि सफेद रंग का कौवा मिलना काफी कम होता है और ये दुर्लभ होता है. यह कौवा अपना पूरा जीवन, जो की 8 से 15 साल का होता है, जीयेगा. ऐसे कौवे में हालांकि अल्ट्रावायलेट किरण का प्रकोप ज्यादा होता है. दूसरी इन्हें अपने ग्रुप के अन्य कौओं से भी खतरा रहता है, जो इन्हें दूसरी प्रजाति का मान बैठते हैं. यही वजह है कि सफेद कौए जिंदा नहीं रह पाते. ये कौआ एकदम सफेद नहीं बल्कि ऑफ व्हाइट है. जिसकी वजह से ये सर्वाइव कर पा रहा है.

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Last Updated : Jul 19, 2024, 8:05 AM IST

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