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जब रतन टाटा ने मैक्सिकन दोस्तों संग निहारा था ताजमहल, 45 मिनट तक रुके थे, विजिटर बुक में लिखी थी ये बड़ी बात...

2013 में ताजमहल का दीदार करने आगरा आए थे, खूबसूरती देखकर बेहद मंत्रमुग्ध हुए थे

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 4 hours ago

Updated : 3 hours ago

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2013 में ताजमहल निहारने आए थे रतन टाटा. (photo credit: etv bharat archive)

आगराः टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार रात 86 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली. रतन टाटा ने अपनी जिंदगी में मोहब्बत की निशानी ताजमहल का भी दीदार किया था. रतन टाटा आखिरी बार एक सितंबर 2013 को आगरा आए थे. उन्होंने तब अपने मैक्सिकन दोस्त उद्योगपति इमिलियो डियाज बारसो के साथ ताजमहल का दीदार किया था. करीब 45 मिनट तक ताजमहल के दीदार दौरान उसकी खूबसूरती में इस कदर खो गए कि उन्होंने कहा था कि ताजमहल मेरे दिल में बसता है. इसलिए मैं ताज व्यू होटल में ठहरा हूं.


45 मिनट तक निहारा था ताजमहलः बात एक सितंबर 2013 की है. उद्योग जगत का बेताज बादशाह रतन टाटा अपने दोस्त मेक्सिको के नामचीन उद्योगपति इमिलियो डियाज बारसो के साथ आगरा आए थे. उन्होंने दोस्त के साथ ताज का दीदार किया था. करीब 45 मिनट तक वे ताजमहल में रहे. जब उन्होंने रॉयल गेट से ताजमहल देखा तो उसे एक टक निहारते रहे. ताजमहल में उन्होंने ताज से जुडी याद सहेजने के लिए डायना बेंच पर बैठकर तस्वीर भी खिंचवाई थीं. इस दौरान तब टूरिस्ट गाइड मुकुल पांड्या ने उन्हें ताजमहल की विजिट कराई थी. इस दौरान रतन टाटा ने टूरिस्ट गाइड से ताजमहल को लेकर कई सवाल किए और जानकारी लीं थी.

सादगी से जीता था सभी का दिलःउद्योगपति रतन टाटा और उनके मित्र उद्योगपति इमिलियो डियाज बारसो की ताजमहल विजिट के दौरान तक आईएमए आगरा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. डीवी शर्मा और कारोबारी डॉ. रंजना बंसल रही थीं. डॉ. डीवी शर्मा ने बताया कि रतन टाटा के शहर में आने की सूचना डॉ. रंजना बंसल ने मुझे दी थी. मैं उनके साथ ताजमहल गया. जहां पर ताजमहल परिसर में चमेली फर्श पर कड़ी सुरक्षा के बीच रतन टाटा ने मुझे और डॉ. रंजना बंसल को सुरक्षा घेरे में बुला लिया. उन्होंने मुस्कराकर हमारा अभिवादन स्वीकार किया. इस दौरान ही टूरिस्ट गाइड मुकुल पांड्या से उन्होंने ताजमहल के आर्किटेक्ट और खूबसूरती में लगे स्टोन के बारे में जानकारी ली थी. उनकी सादगी और सहृदयता ने विजिट के दौरान मौजूद सुरक्षा में लगे जवान, एएसआई कर्मचारियों के साथ ही अन्य लोगों को भी प्रभावित किया था.

ये लिखा था विजिटर बुक मेंःताजमहल का दीदार करने और फोटोग्राफी के बाद रतन टाटा जब रॉयल गेट आए तो उन्होंने ताजमहल की विजिटर बुक पर ताजमहल की खूबसूरती और मजबूती में कसीदे गढे. उन्होंने विजिटर बुक पर लिखा था कि ताजमहल मेरे दिल में है. इंजीनियरिंग और वास्तुकला की महानतम प्रस्तुति ताजमहल है. ये ना आज और ना कल इस तरह से दोबारा नहीं बन सकता है.


नहीं की थी मीडिया से बातःरतन टाटा जब ताजमहल देखने के बाद सीधे होटल ताज व्यू पहुंचे. पहले उन्होंने मीडिया से भी बात करना की सोची थी. उनसे बात करने के लिए मीडियाकर्मी भी होटल में मौजूद थे. बाद में उन्होंने ये कहकर मीडिया से बात करने से मना कर दिया कि अभी मैं व्यक्तिगत यात्रा पर आगरा आया हूं. इसलिए, किसी से कोई बात नहीं करूंगा.

ये तो मेरे ऑफिस से भी बड़ा है:रतन टाटा होटल से डॉ. रंजना बंसल के नुनिहाई स्थित टाटा के शोरूम पर टाटा की गाड़ी एस्टेट से पहुंचे. उन्होंने से रास्ते में ज्यादा बात नहीं की. जब टाटा का शोरूम देखा तो हैरान रह गए. डॉ. रंजना बंसल बताती हैं कि जब मेरे ऑफिस पहुंचे तो ऑफिस देखकर मुस्कराते हुए बोले कि ये तो मेरे ऑफिस से भी बड़ा है.



रतन टाटा ने पीएम मोदी के साथ काशी को दी थी ये सौगात:रतन टाटा ने 19 फरवरी 2019 को वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उत्तर प्रदेश बिहार समेत आसपास के राज्यों के लोगों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाने के लिए एक बड़ी सौगात दी थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रतन टाटा ने वाराणसी के सुंदरपुर स्थित होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल और मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर का उद्घाटन किया था अस्पताल के अंदर करीब उन्होंने 1 घंटे से ज्यादा का वक्त बिताया था. उस वक्त उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे. यहां पर समय बिताने के बाद रतन टाटा ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन भी किया था. स्थानीय लोगों से मुलाकात भी की थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उन्होंने अस्पताल के विस्तार और अन्य कार्यों को लेकर भी चर्चा की थी. पूरे उत्तर प्रदेश में रतन टाटा के प्रयासों से यह पहला कैंसर संस्थान था जिसके खुलने के बाद पूरे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और बंगाल के अलावा कई राज्यों के लोगों के लिए एक बड़ी राहत की बात थी. जब रतन टाटा लोगों से मिलने पहुंचे थे तो लोगों ने उनका खुलकर स्वागत भी किया था लोगों ने इस प्रोजेक्ट को लेकर रतन टाटा की तारीफ की थी. जिसकी वजह से उन्होंने भी लोगों का हृदय से धन्यवाद किया था. कैंसर अस्पताल 580 करोड़ की लागत वाला 350 बेड का महामना कैंसर संस्थान पूर्वोत्तर भारत में अपने ढंग का इकलौता हॉस्पिटल है. 10 महीने के रिकार्ड समय में यह बनकर तैयार हुआ था. इसके निर्माण में लगे 1800 श्रमिकों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया था.

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