नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन के लिए काम शुरू कर दिया है. इसके लिए कर्मचारी संगठनों के साथ बैठकों हो रही हैं, जिससे यह तय किया जाएगा कि पे कमीशन किस आधार पर सैलरी, पेंशन और दूसरे भत्ते तय करेगा. वहीं, केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनहोल्डर्स भी इसको लेकर चर्चा कर रहे हैं.
उल्लेखनीय है पहले के वेतन आयोग वित्तीय भत्तों पर फोकस करते रहे थे, जबकि सातवें वेतन आयोग में केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए एक्राय्ड फॉर्मूला (Aykroyd Formula) का इस्तेमाल किया गया था. ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि 8वां वेतन आयोग मे भी एक्राय्ड फॉर्मूले का यूज हो सकता है.
क्या है एक्राय्ड फॉर्मूला?
बता दें कि एक्राय्ड फॉर्मूला डॉ वॉलेस एक्राय्ड ने डिवेलप किया था. इस फॉर्मूले के तहत देश का बेसिक कॉस्ट ऑफ लिविंग कैलकुलेट किया दाता है. इसमें एक औसत कर्मचारी की न्यूट्रिशनल जरूरतों को बेस बनाया जाता है. इसके साथ ही खाना, कपड़े, घर जैसी मूलभूत जरूरतों के आधार पर एक मिनिमम सैलरी तय की जाती है.
7वें वेतन आयोग ने कैसे किया था एक्राय्ड फॉर्मूले का इस्तेमाल?
7वें वेतन आयोग ने एक्राय्ड फॉर्मूला लागू करने के लिए पे स्ट्रक्चर के दो टारगेट चिन्हित किए थे- एक स्किल और योग्य कर्मचारियों को नौकरी में लाना. दूसरा, यह सुनिश्चित करना कि सरकार की सर्विसेज सस्टेनेबल बनी रहें. आयोग ने अपनी रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया था कि सरकारी सेवाएं सिर्फ कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर नहीं हो, बल्कि इससे कर्मचारी को सामाज में एक स्टेटस मिले.