हैदराबाद :आधार कार्ड भारतीय नागरिकों के लिए प्राथमिक पहचान पत्र बन गया है. आधार हमारे जीवन में इतनी गहराई से शामिल हो गया है कि इसके बिना कोई भी सरकारी या प्राइवेट काम करना काफी कठीन है. सभी सरकारी से लेकर प्राइवेट काम में महत्पवूर्ण दस्तावेज के तौर पर आधार की जरूरत होती है. आधार 12 अंको का यूनिक नंबर है, जिसमें आपका नाम, नंबर, पता और बायोमेट्रिक्स की जानकारियां शामिल होती हैं.
इसके बिना आयकर रिटर्न दाखिल करना, सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करना, या यहां तक कि कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण करवाना भी काफी बिना मुश्किल है. आधार कार्ड के बिना आप सरकारी योजनाओं का लाभ तक नहीं उठा सकते हैं. आधार कई गतिविधियों के लिए आवश्यक और महत्वपूर्ण दस्तावेज है और केवाईसी के लिए तो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. सरकार बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बनने से पहले ही उनका आधार नामांकन कराने की इजाजत देती है. लेकिन जब कोई मर जाता है तो उस व्यक्ति के आधार का क्या होता है?
रद्द नहीं हो सकता आधार कार्ड
किसी मृत व्यक्ति के आधार को कैंसिल करने का सवाल कई बार उठता है. ऐसे बहुत से मामले भी सामने आए हैं. ऐसे कई मामले भी सामने आए है जहां मृत व्यक्ति के आधार कार्ड का गलत तरीके से इस्तेमाल जाता है. इस बीच बता दें, यूआईडीएआई के तहत आधार कार्ड जारी होता है लेकिन कि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके आधार कार्ड को रद्द नहीं कराया जा सकता है.
साफ शब्दों में कहने का मतलब यह है कि अगर किसी इंसान की डेथ हो जाती है तो अभी तक ऐसा कोई नियम नहीं बनाया गया है, जिससे उसका आधार को रद्द किया जा सके. इसका मतलब यह कि मरने के बाद भी मृत व्यक्ति का आधार कार्ड एक्टिव रहेगा. लेकिन यूआईडीएआई ने आधार कार्ड को लॉक करने की फैसिलिटी दी है. जिससे आपका आधार सेफ रहे. ताकि कोई उसका गलत यूज न करें. मृत व्यक्ति का आधार नंबर बाद में किसी और इंसान को ट्रांसफर नहीं किया जाता है