अयोध्या: राम मंदिर के तर्ज पर हनुमान गढ़ी मंदिर का पश्चिमी द्वार को तैयार किया जा रहा है. इसे प्राचीन इतिहास और वैदिक परंपरा के मुताबिक स्वरूप दिया जा रहा है. यह राम मंदिर के सिंह द्वार के ठीक सामने होगा. इसकी चौड़ाई लगभग 20 फीट और ऊंचाई 51 फीट रखी गई है. इसके साथ ही इस मार्ग से होकर गुजरने के लिए श्रद्धालु सभी सुविधा उपलब्ध होगी.
इसके लिए के.टी.प्रोजेक्ट कंपनी को जिम्मेदारी दी गई है. राम मंदिर के निर्माण के बाद श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में आवागमन जारी है. राम मंदिर में दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु प्रतिदिन अयोध्या पहुंचते हैं. इस दौरान प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर में भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. इस भीड़ के चलते दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना एक बड़ी चुनौती बन गई है.
इसको देखते हुए मंदिर परिसर के विस्तार की योजना पर काम शुरू कर दिया गया. मंदिर के पश्चिम दिशा का द्वार विकसित किया जा रहा है. धार्मिक मान्यता है कि त्रेता युग में श्रीराम जब लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या पहुंचे थे, तो उनके साथ हनुमान जी भी आए थे. वहां श्रीराम ने राजमहल की सुरक्षा के लिए उन्हें रामकोट के मुख्य द्वार पर स्थित इस टीले पर रहने के लिए जगह दी थी. हनुमान जी श्री राम जन्मभूमि की ओर देखते हुए विराजमान हैं.