दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

SC में अनुच्छेद 39(B) पर सुनवाई, कहा- निजी संपत्ति 'समुदाय के भौतिक संसाधन' में शामिल नहीं - SC plea on Materail Resources - SC PLEA ON MATERAIL RESOURCES

Material Resources: मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 9 न्यायाधीशों की पीठ एक कानूनी प्रश्न की जांच कर रही है क्या राज्य संविधान के अनुच्छेद 39 (बी) में 'समुदाय के भौतिक संसाधनों' शब्द के तहत निजी तौर पर रखी गई संपत्ति या संसाधनों पर नियंत्रण कर सकता है. इस संबंध में एजी आर वेंकटरमणी ने कहा कि भौतिक दुनिया में मानव संपर्क द्वारा उपलब्ध कराई गई सभी चीजें समुदाय के संसाधन का गठन करती हैं.

MATERIAL RESOURCES OF COMMUNITY
SC में अनुच्छेद 39(B) पर सुनवाई

By Sumit Saxena

Published : Apr 25, 2024, 10:01 PM IST

नई दिल्ली:आम चुनाव के बीच, जब राजनीतिक दल धन के पुनर्वितरण को लेकर आपस में भिड़ गए, भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भौतिक दुनिया में मानव संपर्क द्वारा उपलब्ध कराई गई सभी चीजें समुदाय के संसाधन का गठन करती हैं. इसमें एक कार, कार बनाने वाला निगम, सेमीकंडक्टर चिप और मोबाइल फोन शामिल हैं.

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 9 न्यायाधीशों की पीठ जिसमें न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना, न्यायमूर्ति एस धूलिया, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला, न्यायमूर्ति आर बिंदल, न्यायमूर्ति एस सी शर्मा और न्यायमूर्ति ए जी मसीह शामिल हैं, एक कानूनी प्रश्न की जांच कर रही है. जांच की जा रही है कि क्या राज्य संविधान के अनुच्छेद 39 (बी) में 'समुदाय के भौतिक संसाधनों' शब्द के तहत निजी तौर पर रखी गई संपत्ति या संसाधनों पर नियंत्रण कर सकता है, जो राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों (DPSP) का हिस्सा है.

महाराष्ट्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे एजी ने कहा कि वे सभी चीजें जो भौतिक दुनिया में उपलब्ध हैं और मानव संपर्क द्वारा उपलब्ध कराई गई हैं, समुदाय के संसाधन का गठन करती हैं. अनुच्छेद 39 (बी) और (सी) को समझने के लिए प्रासंगिक एक व्यापक विवरण. उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 39 और, विशेष रूप से, अनुच्छेद 39 खंड (बी) और (सी) को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सिद्धांतों के संयोजन के रूप में सबसे अच्छी तरह समझा जाता है.

शीर्ष अदालत में प्रस्तुत एजी के नोट में कहा गया है, 'मानव जीवन के संगठन में जीविका और कल्याण के उद्देश्यों के लिए हमारी गतिविधियों, लेन-देन और भौतिक दुनिया के साथ हमारी बातचीत का संगठन शामिल है. उपरोक्त सभी संसाधन की दुनिया के साथ हो सकते हैं, जो प्राकृतिक अवस्था में उपलब्ध हैं और मानव संपर्क द्वारा उपलब्ध कराए गए हैं. इस प्रकार, भौतिक दुनिया में सभी चीजें जो उपलब्ध हैं और मानवीय संपर्क या जुड़ाव द्वारा उपलब्ध कराई गई हैं, समुदाय के संसाधनों का गठन करती हैं'.

एजी ने पीठ के समक्ष तर्क दिया कि संसाधन, भौतिक और भौतिक दुनिया में कोई भी वस्तु जिसका उपयोग मनुष्य कर सकता है. मानव उपभोग के लिए शोषण कर सकता है, या वस्तु में कुछ भी जो मानव उद्देश्यों के लिए बनाया या बनाया जा सकता है, समुदाय के संसाधनों का गठन करेगा. सीजेआई ने सवाल किया, 'आपकी परिभाषा में निजी स्वामित्व की कोई अवधारणा ही नहीं है'. एजी ने प्राकृतिक बनाम मानव निर्मित संसाधनों के बीच अंतर पर जोर दिया और कहा कि अनुच्छेद 39 (बी) का उद्देश्य समुदाय के संसाधनों का सहारा लेकर सामान्य भलाई की प्राप्ति है.

सीजेआई ने पूछा, 'समुदाय का कोई भौतिक संसाधन होना चाहिए?'. एजी ने कहा कि आखिरकार हम एक भौतिक दुनिया में रहते हैं और उपयोग किए गए या बनाए गए सभी संसाधन भौतिक संसाधन हैं. सीजेआई ने आगे सवाल किया, 'वे समुदाय के भौतिक संसाधन नहीं हो सकते हैं? आपका सूत्रीकरण यह है कि निजी श्रम के अनुप्रयोग द्वारा निर्मित कोई भी चीज़ समुदाय का भौतिक संसाधन है? आपने समुदाय के बारे में कहा, क्या भौतिक दुनिया की सभी चीजें और उपलब्ध मानवीय संपर्क या जुड़ाव समुदाय के संसाधनों का गठन करते हैं?'.

एजी ने कहा कि यह सही है. सीजेआई ने आगे सवाल किया, 'मेरे घर में, मेरी अपनी आय का उपयोग करना, क्या यह समुदाय का भौतिक संसाधन है? यदि मेरे पास कार है, तो क्या यह समुदाय का भौतिक संसाधन है? मैं वेतन के माध्यम से क्या कमाता हूं?'. एजी ने कहा कि यह भी हो सकता है और किसी दिए गए मामले में मैं व्यक्तिगत उपभोग के लिए अपने लिए जो कुछ भी बनाता हूं, वह एक निश्चित सीमा या सीमा से आगे नहीं बढ़ता है. जिस क्षण यह एक सीमा से आगे जाता है तो समुदाय के पास उस संसाधन पर कॉल होगी.

न्यायमूर्ति रॉय ने एजी से सवाल किया, 'समुदाय का एक अर्थ है. आप कह रहे हैं कि जो भी मानव संसाधन उत्पन्न करने में सक्षम हैं, वह भी समुदाय के दायरे में आता है. सरकार कर लगा सकती है, कोई x कमाता है तो इतना कर लगता है, y जितना कमाता है उतना कर लगता है. तब यह समुदाय के लिए एक संसाधन बन जाता है?'. एजी ने कहा कि हम जो धन पैदा करते हैं वह हमारी बातचीत और आर्थिक गतिविधि से होता है. अनुच्छेद 39 (बी) में संसाधन शब्द अनिवार्य रूप से एक आर्थिक आधार को दर्शाता है.

सीजेआई ने सवाल किया, 'इसका मतलब है कि एक निगम कारों का उत्पादन करता है या एक निगम सेमीकंडक्टर चिप का उत्पादन करता है. एक निगम जो मोबाइल का उत्पादन करता है, क्या ये सभी समुदाय के भौतिक संसाधन हैं?'. एजी ने कहा कि वे सभी सबसे मौलिक संवैधानिक अर्थों में समुदाय के संसाधन हैं.

एजी के नोट में कहा गया है, 'किसी समुदाय के भौतिक संसाधन एक व्यापक अवधारणा हैं. सभी संसाधनों, प्राकृतिक या भौतिक चल या अचल, भौतिक या निराकार, मूर्त या अमूर्त संपत्तियों आदि को अपने दायरे में लाने के लिए इसकी व्यापक रूप से व्याख्या की जानी चाहिए. निजी संसाधन या संपत्ति भौतिक संसाधनों का हिस्सा हैं समुदाय का. वे सभी चीजें जो समुदाय के लिए धन उत्पन्न करती हैं, वे भौतिक संसाधन हैं. 'वितरण' शब्द को व्यापक रूप से न केवल सार्वजनिक उपयोग के लिए संसाधनों का आवंटन बल्कि गरीबों को समान अवसर तक पहुंच प्रदान करने के लिए बड़े पैमाने पर वितरण भी शामिल किया जाना चाहिए'.

पीठ ने कहा कि किसी को भी अनुच्छेद 39 के हितकारी पहलू पर संदेह नहीं है. जे नागरत्ना ने सवाल किया, 'क्या यह निजीकरण और उदारीकरण के खिलाफ एक चेतावनी नहीं है जो आज की आवश्यकता है? जहां निजी उद्यमों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसके परिणामस्वरूप निजी संपत्ति में वृद्धि से अंततः राष्ट्र की संपत्ति में वृद्धि होगी'. मामले में सुनवाई बेनतीजा रही. यह मंगलवार को फिर से शुरू होगी.

बुधवार को, मुंबई के प्रॉपर्टी ओनर्स एसोसिएशन (POA) सहित पार्टियों के वकील ने जोरदार दलील दी कि संविधान के अनुच्छेद 39 (बी) और 31 सी की संवैधानिक योजनाओं की आड़ में निजी संपत्तियों को राज्य अधिकारियों द्वारा नहीं लिया जा सकता है.

पढ़ें: ED का SC में हलफनामा, दिल्ली शराब घोटाले में AAP मुख्य लाभार्थी; अपराध की आय का हिस्सा 'गोवा चुनाव' में उपयोग

ABOUT THE AUTHOR

...view details