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वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक: भाजपा ने अल्पसंख्यक समुदाय से सुझाव के लिए टीम गठित की - BJP Waqf Board Amendment Bill - BJP WAQF BOARD AMENDMENT BILL

वक्फ संशोधन बिल को सशक्त बनाने के लिए सरकार की ओर से कवायद जारी है. इसी क्रम में अल्पसंख्यक समुदाय से सुझाव मांगे गए हैं. वहीं जेपीसी की बैठक में विपक्षी सांसदों ने इस बिल का विरोध किया.

Waqf Board Amendment Bill
वक्फ संशोधन विधेयक पर अल्पसंख्यक समुदाय से मांगे गए सुझाव (ANI)

By ANI

Published : Sep 1, 2024, 10:09 AM IST

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अल्पसंख्यक मोर्चा ने वक्फ बोर्ड संशोधन अधिनियम 2024 के संबंध में मुस्लिम समुदाय से जुड़ने और उनके सुझाव एकत्र करने के लिए सात सदस्यीय टीम का गठन किया है. उम्मीद है कि टीम अपनी रिपोर्ट भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष को सौंपेगी.

सात सदस्यीय टीम में उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स, मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सनवर पटेल, हरियाणा वक्फ बोर्ड के प्रशासक चौधरी जाकिर हुसैन, गुजरात वक्फ बोर्ड के चेयरमैन मोहसिन लोखंडवाला, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मौलाना हबीब हैदर, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य नासिर हुसैन और हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन राजबली शामिल हैं.

इस टीम का गठन शनिवार 31 अगस्त को किया गया. भाजपा के शीर्ष सूत्रों के अनुसार पार्टी हाईकमान ने अल्पसंख्यक मोर्चे को वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक के संबंध में मुस्लिम समुदाय से बातचीत करने के लिए सदस्य नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं. समिति विभिन्न राज्यों का दौरा करेगी, मुस्लिम विद्वानों से बातचीत कर उनकी चिंताओं को समझेगी और सुझाव एकत्र करेगी.

वे अल्पसंख्यक समुदाय के भीतर मौजूद किसी भी गलत धारणा और संदेह को भी दूर करेंगे. वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक पर विपक्ष की आपत्तियों के बारे में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि संशोधन के बारे में कई मुस्लिम धार्मिक नेताओं से सलाह ली गई है, और उन्होंने इस पर कोई समस्या नहीं जताई है.

उन्होंने कहा कि भाजपा वक्फ संपत्तियों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने और गरीब मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है. सिद्दीकी ने जोर देकर कहा कि विपक्षी दल भाजपा का विरोध करके केवल राजनीति कर रहे हैं. इस बीच, लोकसभा सचिवालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार जेपीसी ने जनता गैर सरकारी संगठनों, विशेषज्ञों, हितधारकों और संस्थानों से विचार और सुझाव आमंत्रित किए हैं.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि समिति को लिखित सुझाव देने के इच्छुक लोग अंग्रेजी या हिंदी में दो प्रतियां लोकसभा सचिवालय के संयुक्त सचिव को भेज सकते हैं. इसके लिए मेल भी जारी किए गए हैं. इमेल का एड्रेस jpcwaqflss@sansad.nic.in है. सुझाव विज्ञापन के प्रकाशन की तिथि से 15 दिनों के भीतर पहुंच जाने चाहिए. वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त समिति की बैठक 30 अगस्त को नई दिल्ली में हुई थी.

इसमें विभिन्न हितधारकों से विचार और सुझाव मांगे गए. लोकसभा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में गठित समिति ने आम जनता, गैर सरकारी संगठनों, विशेषज्ञों और संस्थानों सहित हितधारकों से विचार और सुझाव आमंत्रित किए. समिति की पहली बैठक 22 अगस्त को हुई थी. 31 सदस्यीय समिति में लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सदस्य शामिल हैं. 31 अगस्त को वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने एक्स पर पोस्ट किया.

इसमें उन्होंने कहा कि अजमेर दरगाह के उत्तराधिकारी और अखिल भारतीय सूफी सज्जादा नशीन परिषद के अध्यक्ष हजरत सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती के नेतृत्व में धार्मिक नेताओं और मुस्लिम विद्वानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनके दिल्ली आवास पर वक्फ बोर्ड के संबंध में अपने विचार साझा किए.

शनिवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने एक्स पर लिखा, 'मेरे दिल्ली स्थित आवास पर अजमेर दरगाह के उत्तराधिकारी एवं अखिल भारतीय सूफी सज्जादा नशीन परिषद के अध्यक्ष हजरत सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती के नेतृत्व में धार्मिक नेताओं एवं मुस्लिम विद्वानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने वक्फ बोर्ड के संबंध में अपने विचार साझा किए.' वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त समिति की अगली बैठक 5 और 6 सितंबर को निर्धारित है.

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