चेन्नई: विल्लुपुरम जिला प्रधान सत्र न्यायालय ने तमिलनाडु में एक महिला आईपीएस अधिकारी के यौन उत्पीड़न से जुड़े मामले में पूर्व विशेष डीजीपी राजेश दास आईपीएस पर लगाई गई तीन साल की जेल की सजा को बरकरार रखा है. अदालत का यह फैसला मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा जारी पहले के फैसले के खिलाफ राजेश दास द्वारा दायर अपील को खारिज करने के बाद आया है.
तमिलनाडु के पूर्व डीजीपी राजेश दास, जिन पर एक महिला आईपीएस अधिकारी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप था, उनको इसका परिणाम भुगतना पड़ा, क्योंकि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने पिछले साल जून में उन्हें तीन साल की कैद की सजा सुनाई थी. विल्लुपुरम जिला प्रधान सत्र न्यायालय ने इस निर्णय की पुष्टि की, जिससे राजेश दास को मद्रास उच्च न्यायालय में आगे अपील विकल्प अपनाने के लिए 30 दिन का समय मिल गया.