विक्रमादित्य सिंह वापस लिया इस्तीफा शिमला:लंबी खींचतान के बाद PWD मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है. जानकारी देते हुए हिमाचल कांग्रेस के प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा कि विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफा वापस ले लिया है और कहा है कि आदमी बड़ा नहीं होता, संगठन बड़ा होता है. सरकार पर कोई संकट नहीं है.
आज सुबह ही दिया था इस्तीफा
विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार सुबह मंत्री पद से इस्तीफे दे दिया था. विक्रमादित्य प्रेस वार्ता के दौरान अपने पिता को याद कर भावुक हो गए थे. उन्होंने कहा कि भारी मन के साथ कहना पड़ रहा है कि जिस व्यक्ति की वजह से हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनी, उनकी मूर्ति लगाने के लिए शिमला के मॉल रोड पर 2 गज जमीन नहीं दी. ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.
विक्रमादित्य सिंह ने सुबह कहा था कि ''सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और प्रियंका गांधी को भी बार-बार बोलने पर मेरी बात नहीं सुनी गई. पार्टी हाईकमान को कहने के बावजूद मेरी बात नहीं सुनी गई. हर चीजों को राजनीति से नहीं तौली जानी चाहिए. आज मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं. हमने पार्टी को हर कदम पर साथ दिया है. पिछले दिन भी चर्चाओं का बाजार गर्म था, लेकिन फिर भी हमने पार्टी के हर कदम पर साथ दिया. मैं ऐसा कोई कदम नहीं उठाऊंगा. जिससे किसी को चोट पहुंचे''.
डीके शिवकुमार और भूपेंद्र हुड्डा ने जानी सभी विधायकों और मंत्रियों की राय, लंबी चली बैठक खत्म
बता दें कि चौड़ा मैदान स्थित सिसिल होटल में पार्टी पर्यवेक्षक कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने बुधवार दोपहर बाद कांग्रेस के सभी मंत्रियों, विधायकों और मुख्य संसदीय सचिवों से एक-एक कर बैठक कर उनके मन टटोले. पार्टी पर्यवेक्षकों ने उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के साथ सबसे पहले बैठक की. इसके बाद विक्रमादित्य सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी पर्यवेक्षकों से मिले.
कांग्रेस हाईकमान की ओर से हिमाचल में भेजे गए दोनों पर्यवेक्षकों ने रात तक बैठकें कर मुख्यमंत्री सुक्खू के प्रति नाराजगी को लेकर विधायकों की टोह ली. क्रॉस वोटिंग की भी पड़ताल की गई है. प्रदेश में बदलते राजनीतिक समीकरणों को लेकर मुख्यमंत्री सुक्खू के साथ भी पर्यवेक्षकों की लंबी बैठक चली. अब दोनों पर्यवेक्षक अपनी रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को देंगे. इन बैठकों के दौरान पार्टी के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहे.
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