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ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में देखिए कैसे हुई पूजन और आरती

ज्ञानवापी के व्यास जी तहखाने में बुधवार की देर रात कड़ी सुरक्षा के बीच पूजा (Vyas ji basement worship Method) की शुरुआत करा दी गई. व्यास परिवार के सदस्य जितेंद्रनाथ व्यास ने विधि-विधान से की गई पूजा के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 1, 2024, 12:33 PM IST

Updated : Feb 1, 2024, 4:16 PM IST

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ज्ञानवापी के व्यास जी तहखाने में कड़ी सुरक्षा के बीच पूजा शुरू कर दी गई है.

वाराणसी :ज्ञानवापी के व्यास जी के तहखाने में बुधवार की देर रात जिला अधिकारी वाराणसी समेत अन्य बड़े अधिकारियों की मौजूदगी में पूजा की शुरुआत करा दी गई. गुरुवार की सुबह से विश्वनाथ मंदिर आने वाले श्रद्धालु भी बाहर से ही इस तहखाने के दर्शन कर रहे हैं. 30 साल के लंबे इंतजार के बाद तहखाने में पूजा की शुरुआत हुई है. अब रोज विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की तरफ से नियुक्त पुजारी यहां पूजा-पाठ करेंगे. कल रात क्या हुआ, कैसे पूजा की शुरुआत हुई, इन सब के बारे में व्यास परिवार के सदस्य जितेंद्रनाथ व्यास ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

व्यास परिवार ने तहखाने में पूजन के बारे में विस्तार से बताया.

तहखाने में 45 मिनट तक चलती रही पूजा :व्यास परिवार के सदस्य जितेंद्रनाथ व्यास ने बताया कि वह बुधवार रात पूजा के दौरान तहखाने के अंदर मौजूद थे. पूजा रात में 12:30 पर शुरू हुई और लगभग 1.15 तक चलती रहीं. मंदिर के पांच पुजारी भी थे. व्यास परिवार के लोग मौजूद थे. गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ भी थे. विश्वनाथ मंदिर के पुजारी ओम प्रकाश मिश्र, पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन और मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा के साथ ही जिला अधिकारी एस राज लिंगम भी मौजूद थे. पूजा में हम सबने पहले प्रवेश किया. इसके बाद पहले शुद्धिकरण के साथ ही वहां पर हर-हर महादेव के जयघोष से अंदर दाखिल हुए. गंगाजल छिड़कने के बाद शुद्धिकरण का काम किया गया. उसके बाद अंदर खंभों पर जो आकृतियां बनी थीं उन पर गंगाजल छिड़क कर उनका शुद्धिकरण किया गया. फूल, अक्षत के साथ पूजा की शुरुआत हुई. क्षतिग्रस्त जो मूर्तियों का भी पूजन किया गया. स्वस्ति वाचन से पूजन की शुरुआत हुई. मिष्ठान चढ़कर नैवेद्य और दूध चढ़ाकर पूजन विधान को आगे बढ़ाया गया. उसके बाद पूजा संपन्न होने के बाद प्रसाद का वितरित किया गया.

नियमित पूजन पर एक सप्ताह के अंदर होगा फैसला :जितेंद्रनाथ व्यास ने बताया कि मंत्र के द्वारा गणेश जी का ध्यान करके गणेश पूजन किया गया. कोई गणेश जी की या लक्ष्मी जी की मूर्ति वहां नहीं रखी गई है. वहां पर कोई भी विग्रह भी स्थापित नहीं किया गया है. पुरानी खंडित मूर्तियां और अंदर खंभों पर स्वास्तिक इत्यादि के जो निशान मौजूद हैं, उनका पूजन किया गया. जितेंद्र नाथ व्यास का कहना है कि हम लोग बहुत खुश हैं. हम लोगों की चीज वापस मिलीं. हमारे पूर्वजों का परिश्रम फल दे रहा है. उन्होंने बताया कि नियमित पूजन पद्धति होगी या नहीं, इस पर एक सप्ताह के अंदर फैसला होगा, यह प्रशासन के ऊपर है.

दो पुजारियों की होगी नियुक्ति

न्यास परिषद के अध्यक्ष डॉ नागेंद्र पांडेय और न्यास के सदस्य चंद्रमौली उपाध्याय समेत अन्य सदस्यों की मौजूदगी में यह निर्णय लिया गया है कि विश्वनाथ मंदिर की तरफ से दो पुजारियों की यहां पर नियुक्ति की जाएगी. बताया कि जिस तरह से काशी विश्वनाथ की चार पहर की आरती होती है, वैसे ही यहां भी आरतियां होंगी. वहीं न्यास के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि आम लोगों के लिए दर्शन की व्यवस्था भी शीघ्र की जाएगी. दर्शन का प्रबंध करने के लिए शासन प्रशासन मिलकर इस पर चर्चा कर रहे हैं. अभी फिलहाल लोगों को बाहर से दर्शन करवाया जा रहा है.

न्यास परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर नागेंद्र पांडेय ने बताया कि सुबह मंगला आरती और उसके बाद दोपहर में भोग आरती संपन्न हुई है. शाम को सप्तऋषि, श्रृंगार आरती के बाद रात को शयन आरती संपन्न की जाएगी. न्यास के सदस्य चंद्रमौली उपाध्याय का कहना है कि पूरे विधि विधान से जिस तरह से बाबा विश्वनाथ का पूजन और आरती होती है, उसी तरह से व्यास जी के तहखाने में पूजन संपन्न करवाया जाएगा. कहा कि अंदर रास्ता बहुत संकरा है. इसलिए अंदर लोग प्रवेश नहीं कर सकते हैं. बाहर से वह दर्शन का लाभ ले सकते हैं.

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Last Updated : Feb 1, 2024, 4:16 PM IST

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