वाराणसी :ज्ञानवापी परिसर में नंदी महाराज के सामने व्यास जी के तहखाने में 1993 तक हो रहे पूजा-पाठ को 30 साल बाद फिर से शुरू करा दिया गया. जिलाधिकारी एस. राज लिंगम और पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन समेत अन्य अफसरों की मौजूदगी में आरती कराई गई. गोपनीय तरीके से जिला अधिकारी और कमिश्नर रात लगभग 9 बजे विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में दाखिल हुए. रात 11 बजे नंदी महाराज के सामने तहखाने के रास्ते के पास बैरिकेडिंग हटाने का काम शुरू किया गया. दो घंटे के बाद रात 1 बजे इसे पूरी तरह से हटा दिया गया. पूजा-पाठ के बाद रात लगभग 2 बजे अफसर बाहर निकले.
बुधवार की दोपहर जिला अधिकारी वाराणसी को जिला जज की अदालत ने व्यास जी यानी सोमनाथ व्यास के तहखाने में पूजा फिर से शुरू कराने के निर्देश दिए थे. शैलेंद्र पाठक की एप्लीकेशन पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह आदेश दिया था. कोर्ट ने इसके पहले व्यास जी के तहखाने का रिसीवर भी जिलाधिकारी को नियुक्त किया था. इसके बाद जिलाधिकारी की तरफ से इस पर प्रशासन की सुपुर्दगी भी ली गई थी. बुधवार की दोपहर कोर्ट ने आदेश देकर यहां फिर से पूजा शुरू करने के लिए कहा था. इसके लिए व्यास जी के नाती और विश्वनाथ मंदिर न्यास के साथ मिलकर एक पुजारी को यहां पर राग, भोग, पूजा के लिए नियुक्त करने के निर्देश दिए गए थे.
रात में हटाई गई बैरिकेडिंग :जिलाधिकारी को यह स्पष्ट निर्देश था कि उक्त स्थान पर की गई बैरिकेडिंग का प्रबंध किया जाए. इसके बाद शांति व्यवस्था और अन्य चीजों को दृष्टिगत रखते हुए देर रात इस पर काम शुरू किया गया. रात करीब 9 बजे से ही विश्वनाथ धाम के गेट नंबर 4 जो ज्ञानवापी से होकर आगे बढ़ता है, कड़े पहरे के बीच यहां से बैरिकेडिंग हटा दी गई. इसके बाद विश्वनाथ मंदिर से जुड़े सफाई कर्मचारी अंदर दाखिल हुए. सफाई करने के बाद अंदर मौजूद प्रतिमाओं और अन्य चीजों को व्यवस्थित तरीके से करके गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति के साथ वहां पर पूजा-पाठ की शुरुआत की गई. घंटे-घड़ियाल की ध्वनि के साथ पूजा संपन्न होने के बाद ज्ञानवापी परिसर में तहखाना के अंदर आरती भी उतारी गई. दीप जलाकर प्रकाश भी किया गया.