उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / bharat

उत्तराखंड की इन दो हस्तियों को मिलेगा पद्मश्री, जानिए कौन हैं ह्यू-कोलिन गेंजर और राधा बहन - PADMA SHREE AWARD

उत्तराखंड की दो हस्तियों ह्यू-कोलिन गेंजर और राधा बहन को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया जाएगा.

Etv Bharat
Etv Bharat (Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 26, 2025, 4:55 PM IST

देहरादून: देश में राष्ट्रपति ने पद्मश्री पुरस्कारों को मंजूरी दे दी गई है. उत्तराखंड की दो हस्तियों को भी इस पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. इसमें ह्यू-कोलिन गेंजर और राधा बहन का नाम शामिल है. इन हस्तियों को पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया जाएगा.

ह्यू-कोलिन गेंजर साहित्य के क्षेत्र में लंबे समय तक अपना योगदान देते रहे हैं तो वहीं राधा बहन में समाज सेवा की दिशा में अपने जीवन का अहम हिस्सा दिया है. उत्तराखंड के यात्रा लेखक ह्यू-कोलिन गेंजर का नाम पद्मश्री सम्मान के लिए चयनित किया गया है. मसूरी निवासी ह्यू-कोलिन गेंजर अंग्रेजी के यात्रा लेखक के रूप में जाने जाते हैं. एक साहित्यकार के रूप में इन्होंने यात्रा वृतांत और शिक्षा क्षेत्र में भी कई लेख लिखे हैं.

भारतीय नौसेना के रिटायर अधिकारी हैं ह्यू: ह्यू भारतीय नौसेना के रिटायर अधिकारी हैं, जिन्होंने अपनी पत्नी कोलिन गेंजर के साथ कई यात्राएं की और इन यात्राओं को पुस्तक में उकेरा. ह्यू 94 साल के हैं, जबकि कोलिन गेंजर का साल 2024 के नवंबर महीने में ही देहांत हुआ है. कोलिन का 90 साल की आयु में निधन हुआ.

80 के दशक में दूरदर्शन पर छाए थे दंपति: मसूरी निवासी ये दंपत्ति युवावस्था के समय से ही तमाम अंग्रेजी पत्रिकाओं में लिखते रहे है. इस दौरान इन दोनों ने कई यात्राएं की और इन्हें एक यात्रा लेखक के रूप में भी जाना गया. साल 1974 से ही इन दोनों ने यात्राओं के लेख लिखने शुरू किया. इसके बाद 80 के दशक में इन्होंने दूरदर्शन में अपनी एक सीरीज लुकिंग बियोंड विद ह्यू एंड कोलिन गेंजर शुरू की, जिसके लिए उनकी काफी प्रशंसा हुई.

पहले भी कई अवॉर्ड से सम्मानित हो चुके है: भारतीय पर्यटन विकास निगम ने भी इस दंपति को 1974 में केरल पर एक किताब लिखने का काम दिया, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया. इन दंपति को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया जा चुका है, जिसमें पेसिफिक एशिया ट्रैवल एसोसिएशन से दो स्वर्ण पुरस्कार और छह राष्ट्रीय पुरस्कारों के अलावा राष्ट्रीय पर्यटन लाइव टाइम अचीवमेंट पुरस्कार मिला है.

राधा बहन को मिला पद्मश्री: उत्तराखंड से पद्मश्री के लिए एक और नाम भी चयनित हुआ है, जिन्हें राधा बहन के नाम से जाना जाता है. राधा बहन अल्मोड़ा की रहने वाली हैय उन्होंने उत्तराखंड के पहाड़ से जुड़े तमाम मुद्दों को लेकर कई आंदोलन किए हैं. साल 1957 में भूदान आंदोलन के साथ उन्होंने अपनी पदयात्रा की शुरुआत की थी.

इसके अलावा पहाड़ों में बालिका शिक्षा, जल, जंगल और जमीन के अलावा पर्यावरण की चिंता से जुड़े उनके आंदोलन चर्चाओं में रहे और लोगों का भी उन्हें खूब समर्थन मिला. महिलाओं के सशक्तिकरण से लेकर शराब विरोधी आंदोलन में भी उनकी बेहद अहम भूमिका रही है.

राधा भट्ट 18 साल की उम्र में ही घर छोड़कर कौसानी चली गई थी, जहां उन्होंने गरीब बालिकाओं को पढ़ना शुरू किया और इसके बाद वह सबके लिए राधा बहन बन गई. महात्मा गांधी की शिष्या सरला बहन के सामाजिक कार्यों से प्रभावित होकर वह उनके अनुयाई बन गई और इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश और असम में विनोबा भावे के साथ भी कई काम किया. राधा बहन ने ग्राम स्वराज, बंजर गांव, युवा महिला सशक्तिकरण और वन संरक्षण जैसे कामों में बढ़-चढ़कर भाग लिया.

पढ़ें---

उत्तराखंड के इतिहासकार यशवंत कठोच को मिला पद्मश्री, राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

ABOUT THE AUTHOR

...view details