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'वन नेशन-वन इलेक्शन' बिल को मोदी कैबिनेट की मंजूरी - ONE NATION ONE ELECTION BILL

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को संसद में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' विधेयक को मंजूरी दे दी.

Modi cabinet approves 'One Nation-One Election' bill
'वन नेशन-वन इलेक्शन' बिल को मोदी कैबिनेट की मंजूरी (प्रतीकात्मक फोटो-ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 12, 2024, 3:14 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को संसद में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' विधेयक को मंजूरी दे दी. यह चुनावी प्रक्रिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.'वन नेशन, वन इलेक्शन' विधेयक को मंजूरी चुनावी प्रक्रिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इस निर्णय के बाद एक व्यापक विधेयक आने की उम्मीद है, जो पूरे देश में एकीकृत चुनावों का मार्ग प्रशस्त करेगा.

इससे पहले बुधवार को, भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा था कि केंद्र सरकार को 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पहल पर आम सहमति बनानी चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह मुद्दा राजनीतिक हितों से परे है और पूरे देश की सेवा करता है. इस मुद्दे पर समिति की अध्यक्षता करने वाले कोविंद ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "केंद्र सरकार को आम सहमति बनानी होगी. यह मुद्दा किसी पार्टी के हित में नहीं बल्कि राष्ट्र के हित में है. यह (वन नेशन, वन इलेक्शन ) एक गेम-चेंजर होगा. उन्होंने कहा कि यह मेरी राय नहीं बल्कि अर्थशास्त्रियों की राय है, जो मानते हैं कि इसके लागू होने के बाद देश की जीडीपी 1-1.5 प्रतिशत बढ़ जाएगी.

उल्लेखनीय है कि इस वर्ष सितंबर में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसका उद्देश्य 100 दिनों के भीतर शहरी निकाय और पंचायत चुनावों के साथ-साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराना है. पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट में इन सिफारिशों को रेखांकित किया गया था.

मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले की प्रशंसा करते हुए इसे भारत के लोकतंत्र को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया. इस बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया. उन्होंने तर्क दिया कि बार-बार चुनाव कराने से समय और सार्वजनिक धन की काफी बर्बादी होती है. चौहान ने कहा कि बार-बार चुनाव होने से जन कल्याणकारी कार्यक्रम बाधित होते हैं और जनता का पैसा बहुत खर्च होता है. उन्होंने कहा, "मैं कृषि मंत्री हूं, लेकिन चुनाव के दौरान मैंने तीन महीने प्रचार में बिताए. इससे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक, अधिकारी और कर्मचारियों का समय बर्बाद होता है. विकास के सारे काम ठप हो जाते हैं. फिर नई घोषणाएं करनी पड़ती हैं."

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