चंपावत: उत्तराखंड में मॉनसून अपने आखिरी समय में है, लेकिन बारिश का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है. चंपावत जिले से बादल फटने की सूचना मिली है. इस आपदा में दो महिलाओं की मौत और दो लोग मामूली रूप से घायल हुए है. एसडीएम लोहाघाट रिंकु बिष्ट ने इसकी पुष्टि की है.
उत्तराखंड के चंपावत जिले में बादल फटा. (ETV Bharat) मटियानी में फटा बादल: दरअसल, उत्तराखंड के कई जिलों में पहले ही मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था, जो सही साबित हुआ. चंपावत जिले में गुरुवार से ही मूसलाधार बारिश हो रही है. शुक्रवार को चंपावत जिले के लोहाघाट क्षेत्र में नेपाल सीमा के पास मटियानी में बादल फटने से पानी का सैलाब आ गया. इस सैलाब की चपेट में आने से महिला की मौत हो गई. वहीं दो लोग मामूली रूप से घायल हो गए.
60 साल की महिला की मौत: एसडीएम लोहाघाट रिंकु बिष्ट ने बादल फटने की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि लोहाघाट ब्लॉक के मटियानी में बादल फट गया था, जिस कारण इलाके में लैंडस्लाइड हुआ. पहले सूचना मिली थी कि लैंडस्लाइड की चपेट में पांच लोग आए है, लेकिन बाद में पता चला कि दो बच्चों पहले ही कही सुरक्षित स्थान पर चल गए थे. वहीं दो लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था. दोनों को हल्की चोटें ही आई थी. वहीं, एक महिला का कुछ पता नहीं चल पा रहा था, लेकिन शाम तक महिला का शव भी मिल गया. मृतक महिला की शिनाख्त 60 वर्षीय शांति देवी के रूप में हुई है.
भारी बारिश के बाद चंपावत जिले में आपदा जैसे हालत बन गए है. (ETV Bharat) चंपावत में भारी बारिश के कारण दो लोगों की मौत हो गई. (ETV Bharat) गौशाला की दीवार गिरने से महिला की मौत: एसडीएम लोहाघाट रिंकु बिष्ट के मुताबिक ढोरजा में भी गौशाला की दीवार ढह गई थी. दीवार के नीचे आने से माधवी देवी (55) पत्नी पीतांबर भट्ट की मौत हो गई. एसडीएम लोहाघाट रिंकु बिष्ट ने फोन पर ये जानकारी ईटीवी भारत को दी है.
भारी बारिश के कारण चंपावत जिले में कई सड़कें बंद हो रखी है. (ETV Bharat) दो मंजिला धर्मशाला गिरी: इसके अलावा भारी बारिश के कारण चंपावत जिले के भिंगराडा में भी दो मंजिला धर्मशाला भारी बारिश में ढह कर खाई में गिर गई. राहत की बात ये है कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ.
चंपावत में धर्मशाला भी हुई जमींदोज. (ETV Bharat) आमोडी डिग्री कॉलेज भी पूरी तरह से कोइराला नदी की चपेट गया (ETV Bharat) इसके अलावा आमोडी डिग्री कॉलेज भी पूरी तरह से कोइराला नदी की चपेट गया. इस इलाके में करीब 6 मकान भूस्खलन की वजह से जमींदोज हो गए हैं. भारी बारिश के चलते कई गांव में बिजली पानी की सप्लाई भी पूरी तरह से ठप्प है. वहीं टनकपुर-पिथौरागढ़ मार्ग पर कई जगह पर टूटा हुआ है. यहां पर करीब 30 मीटर रास्ता बह गया है. जिसके कारण यात्री जगह-जगह फंसे हुए हैं. जिनको निकालने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के निर्देश दिए हैं.
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