विल्लुपुरम:तमिल अभिनेता विजय थलापति अपनी राजनीति गतिविधियां बढ़ा रहे हैं. 27 अक्टूबर यानी रविवार की शाम को तमिलनाडु के विल्लुपुरम में होने वाले उनकी पार्टी के पहले राज्य सम्मेलन में विजय अपना पहला राजनीतिक भाषण देने जा रहे हैं. हालांकि उनके कई ऑडियो भीषण सोशल मीडिया पर आ चुके हैं, लेकिन यह उनका पहला राजनीतिक भाषण है.
अभिनेता विजय ने 2 फरवरी 2024 को नई राजनीतिक पार्टी लॉन्च की थी, जिसका नाम तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) है. विजय ने तब कहा था कि तमिलनाडु के लोग भ्रष्टाचार मुक्त, जाति-पंथ मुक्त, निस्वार्थ, पारदर्शी, दूरदर्शी और कुशल प्रशासन चाहते हैं. उनकी पार्टी आगामी 2026 तमिलनाडु विधानसभा चुनाव लड़ेगी.
हालांकि यह विजय की पार्टी का पहला राज्य सम्मेलन है, लेकिन यह अन्य राजनीतिक दलों की तरह सक्रिय रूप से काम कर रही है. पार्टी का यह सम्मेलन चेन्नई-त्रिची नेशनल हाईवे पर विल्लुपुरम जिले के विक्रवंडी में 85 एकड़ जमीन पर होगा.
सम्मेलन के लिए भव्य मंच
सम्मेलन के लिए 170 फीट लंबा, 60 फीट चौड़ा और 30 फीट ऊंचा भव्य मंच बनाया गया है. साथ ही, मुख्य प्रवेश द्वार को तमिलनाडु के सचिवालय सेंट जॉर्ज फोर्ट की तरह बनाया गया है. पार्टी नेता विजय के लिए मंच से लगभग 800 मीटर की दूरी पर चलने और पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए रैंप वॉक प्लेटफॉर्म भी बनाया गया है.
आकर्षक कट-आउट
सम्मेलन स्थल पर विजय के कट-आउट के साथ रानी वेलु नचियार, पेरियार, अंबेडकर, कामराज, अंजलाई अम्मल के कट-आउट लगाए गए हैं. इनमें पेरियार अपने स्वाभिमान आंदोलनों और द्रविड़ राजनीति के प्रणेता के लिए जाने जाते हैं. तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री कामराज कांग्रेस के दिग्गज नेता थे, जिन्हें भारत के किंग मेकर के रूप में भी जाना जाता है. साथ ही कई स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरें भी मंच पर लगाई गई हैं.
ये तस्वीरें इस बात का संकेत हैं कि अभिनेता विजय की राजनीतिक विचारधारा कैसी होगी. इसके अलावा तमिल अन्नाई (तमिल भाषा की देवी) और तमिल राजाओं के साथ विजय का कट-आउट भी ध्यान आकर्षित करता है.
दक्षिण की झांसी की रानी अंजलाई अम्मल
स्वतंत्रता सेनानी अंजलाई अम्मल के साथ वेलुनाचियार, पेरियार, अंबेडकर और कामराज की तस्वीरें सम्मेलन के कट-आउट पर हैं. स्वतंत्रता संग्राम में अपनी सक्रिय भूमिका के लिए जानी जाने वाली अंजलाई अम्मल को महात्मा गांधी ने 'दक्षिण की झांसी की रानी' नाम दिया था. असहयोग आंदोलन और नमक सत्याग्रह में भाग लेने के लिए जेल जाने वाली अंजलाई अम्मल मद्रास प्रांत में तीन बार विधायक चुनी गई थीं.