लखनऊ:लोकसभा चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं मिलने और तमाम स्तर पर कार्यकर्ताओं जनप्रतिनिधियों की नाराजगी को लेकर मचे बवाल और खींचतान के बीच दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा गृहमंत्री अमित शाह के अलावा आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत की दिल्ली में उपस्थित के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बृजेश पाठक प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी सहित कई अन्य वरिष्ठ नेता दिल्ली की बैठकों में शामिल हुए.
अनुपस्थिति को लेकर केंद्रीय नेतृत्व नाराज: उत्तर प्रदेश बीजेपी कार्य समिति की बैठक में सरकार से बड़े संगठन के बयान और उसके बाद जारी खींचतान को लेकर केंद्रीय नेतृत्व ने वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा की और सब के साथ सबको समन्वय और बेहतर संवाद करते हुए आगे की रूपरेखा तय करने का काम किया. यूपी में कार्यकर्ताओं की नाराजगी जनप्रतिनिधियों की समस्याओं के निस्तारण में सरकार के स्तर पर अफसर की मनमानी के आरोप लगातार लगाए गए. सीएम योगी की समीक्षा बैठकों और कैबिनेट बैठकों में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की गैरहाजरी व लखनऊ मंडल की समीक्षा बैठक में दूसरे उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक की अनुपस्थिति को केंद्रीय नेतृत्व ने उचित नहीं माना.
आपस में बैठकर दूर करें मतभेद:सूत्र कहते हैं कि समीक्षा बैठक में वरिष्ठ नेताओं को बुलाने की बात भी नहीं कही. सूत्र बताते हैं कि सभी वरिष्ठ नेताओं के बीच बेहतर समन्वय संवाद और आपसी मतभेद बुलाकर उपचुनाव में जुट कर पार्टी की सफलता सुनिश्चित करने को लेकर सबको हिदायत दी गई. साथ ही यह कहा गया कि कार्यकर्ताओं जनप्रतिनिधियों की समस्याओं के निस्तारण में सरकार और संगठन मिलकर काम करेंगे कहीं किसी स्तर पर अगर किसी के बीच मतभेद मनभेद है तो वह आपस में बैठकर दूर कर लिया जाए. केंद्रीय नेतृत्व के साथ अलग-अलग स्तरों पर हुई बैठक में सभी लोगों से फीडबैक लिया गया.
साथ ही उप चुनाव में जीत और विपक्षी पार्टियों को हराने पर चर्चा और रणनीति पर बातचीत हुई. लोकसभा चुनाव में हार के कारणों को लेकर भाजपा के स्तर पर बनाई गई रिपोर्ट भी केंद्रीय नेतृत्व के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंप दी गई है, जिसमें तमाम कारणों को उल्लेख करने का काम किया गया है. कुल मिलाकर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश में सरकार और संगठन के स्तर पर बेहतर तालमेल रखने और उपचुनाव में सरकार और संगठन के पूरी तरह से मिलकर चुनाव मैदान में उतरने की बात कही गई.
भविष्य की रूपरेखा को लेकर चर्चा: कार्यकर्ताओं की चिंता और भविष्य की रूपरेखा को लेकर पार्टी केंद्रीय नेतृत्व ने सबको ठीक ढंग से समझाने की बात कही गई है. यूपी में लगातार मची खींचतान और रार को देखते हुए वरिष्ठ नेताओं को आपस में मिल बैठकर बात करने की बात कही गई है और जिस स्तर पर जिसके द्वारा भी गलत तरीके से चीजों को पेश करते हुए बात की गई उनको समझने का भी काम किया गया. अनुशासन पर भी जोर दिया गया. सूत्र बताते हैं कि सरकार और संगठन के स्तर पर जिन लोगों ने दूरियां बढ़ने का काम किया उनको हिदायत भी दी गई.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दोनों क्षेत्रों के प्रचारक अनिल और महेंद्र से भी केंद्रीय नेतृत्व में बातचीत की और जहां जो कमियां जिस स्तर पर रही है उनसे बातचीत करते हुए चीजों को ठीक करने की बात कही गई है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अध्यक्षता में नीति आयोग से लेकर मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में भी भविष्य की रणनीति और रूपरेखा पर चर्चा करते हुए केंद्रीय योजनाओं के धरातल तक उतरने और सबका साथ सबके विकास के मूल मंत्र को आगे बढ़ने पर चर्चा हुई विकास के रोड मैप पर चर्चा की गई.