पटना: लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टी तैयार है. इसबार बिहार में एनडीए 40 का 40 सीट जीत का दावा कर रही है. हालांकि अब तक दलों में सीट का बंटवारा तय नहीं हो पाया है. इसको लेकर कई बैठकें हो चुकी है लेकिन किसे कितनी सीट मिलेगी इसको लेकर अब तक फैसला नहीं हो पाया है.
2019 में एनडीए में तीन दल थेः राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि कोई भी दल कम सीट पर मानने को तैयार नहीं है, लेकिन इसबार कई दलों को कम सीटों से संतोष करना पड़ सकता है. इसमें सबसे पहला नाम जदयू का आता है. विशेषज्ञ कहते हैं कि लोकसभा चुनाव 2019 में एनडीए में 3 दल थे जिसमें भाजपा, जदयू और लोजपा. तीनों के बीच 17-17-06 सीटों का बंटवारा हुआ था.
इसबार 6 दलों में बंटेगी सीटः 2024 में जदयू में 6 दल है. इसमें जदयू, भाजपा, लोजपा(R), रालोजपा, हम और राष्ट्रीय लोक मोर्चा है. अगर मुकेश साहनी से बात बनती है तो एनडीए में कुल 7 दल हो जाएंगे. वर्तमान में 6 दलों के बीच सीट बंटवारा बड़ी चुनौती है. विशेषज्ञ मानते हैं कि इसबार जदयू को 12 से 13 सीट ही मिल सकती है. इसकी भारपाई अन्य राज्यों में हो सकती है.
इसबार तीन दलों की बढ़ोतरीः राजनीतिक विशेषज्ञ रवि उपाध्याय का मानना है कि 2019 में एनडीए ने 40 में से 39 सीट पर जीत हासिल की थी. केवल जदयू किशनगंज सीट से हारी थी, लेकिन इस बार एनडीए में भाजपा जदयू और लोजपा के पशुपति पारस और चिराग पासवान गुट के साथ उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी की पार्टी भी है.
BJP ज्यादा सीट पर लड़ सकती है: एक तरफ जहां चिराग पासवान और पशुपति पारस हाजीपुर सीट को लेकर अड़े हुए हैं तो जदयू 16 जीती हुई सीट फिर से पाना चाह रही है. उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी भी लोकसभा की सीट की मांग कर रहे हैं. एक बड़ा कारण यह भी हैं कि बीजेपी इस बार अधिक सीटों पर लड़ना चाहती है. इसलिए अब तक सीटों का बंटवारा नहीं हो चुका है.
"इस बार एनडीए में अधिक दल हैं. सभी को कम सीटों से संतोष करना पड़ेगा. बीजेपी बड़ी पार्टी है और इसलिए अपने सभी सहयोगी दलों को मनाने में लगी है. बिहार के दलों को दूसरे राज्यों में सीट दे सकती है. जदयू को इसबार 12 से 13 सीट मिलेगी लेकिन संभवतः नॉर्थ ईस्ट में सीट देकर मना सकती है. जदयू को कुछ सीट अदला बदली भी करना पड़ सकता है."-रवि उपाध्याय, राजनीतिक विशेषज्ञ