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केरल: जंगली हाथी ने आदिवासी दंपत्ति को कुचलकर मार डाला, प्रदर्शन - WILD ELEPHANT ATTACK

केरल के वन क्षेत्र से लगे इलाकों में जंगली हाथियों का उत्पात बढ़ गया है. इले लेकर स्थानीय लोगों में प्रशासन के खिलाफ रोष है.

KERALA WILD ELEPHANT ATTACK
केरल में जंगली हाथियों का उत्पात (प्रतीकात्मक फोटो) (IANS)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 24, 2025, 7:26 AM IST

कन्नूर: केरल के एक अरलम फार्म में एक दुखद घटना सामने आई. एक आदिवासी दंपत्ति को उनके घर के पास जंगली हाथी ने कुचलकर मार डाला. मृतक की पहचान वेल्ली और उसकी पत्नी लीला के रूप में हुई. उन पर उस समय हमला किया गया जब वे इलाके में काजू इकट्ठा कर रहे थे. हमले के बाद अधिकारी सतर्क हो गए और तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे.

घटना के बाद स्थानीय लोगों के नेतृत्व में इलाके में विरोध प्रदर्शन किया. शोकाकुल समुदाय ने दंपत्ति के शवों को हटाने से मना कर दिया. उन्होंने मांग की है कि जिला कलेक्टर उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए आएं. प्रदर्शनकारी अधिकारियों से क्षेत्र में जंगली हाथियों के हमलों की चल रही समस्या को हल करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया.

कहा जा रहा है कि अरलम फार्म वन्य क्षेत्रों के निकट होने के कारण यहां जंगली हाथियों को प्रकोप है. ये इलाका लंबे समय से जंगली हाथियों के हमलों से त्रस्त है. निवासियों ने इन जंगली जानवरों से अपने जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए प्रभावी उपायों की कमी पर निराशा व्यक्त की.

पेरावूर के विधायक सनी जोसेफ ने इस घटना पर दुख जताया. साथ ही इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया. उन्होंने सरकार से इस बढ़ती समस्या को दूर करने में निर्णायक रूप से कार्य करने में विफल रहने का आरोप लगाया. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि अरलम में हाथी अवरोधक दीवार बनाने की प्रशासनिक अनुमति 2020 में दी गई थी. हालाँकि, इस स्वीकृति के बावजूद, निर्माण पूरा नहीं हुआ है.

सनी जोसेफ ने वन विभाग की भी आलोचना की और दावा किया कि वह अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में विफल रहा है. यहां तक ​​कि उसे पुनर्वास क्षेत्र में रहने वाले हाथियों की संख्या के बारे में भी जानकारी नहीं है. विधायक के अनुसार कार्रवाई की कमी के कारण स्थानीय आबादी के लिए खतरा बढ़ गया है.

हाथियों के हमलों में 11 लोगों की जान गई

अरलम इलाके में जंगली हाथियों के हमलों की समस्या, विशेष रूप से आदिवासी पुनर्वास क्षेत्रों में खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. स्थानीय लोग लंबे समय से सुरक्षात्मक बाड़ लगाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रगति धीमी रही है. इस घटना ने तत्काल हस्तक्षेप की मांग को और तेज कर दिया है. पिछले एक साल में ही, इसी तरह के हमलों के कारण 11 लोगों की जान चली गई. समुदाय अब अधिकारियों से जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहा है.

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