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उत्तराखंड में दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों पर लगेगा ग्रीन सेस, नए साल में लागू होगी व्यवस्था - GREEN CESS TAX IN UTTARAKHAND

बाहरी राज्‍यों से उत्तराखंड आने वाले वाहनों पर अब नया टैक्‍स लगेगा. जिसको अमलीजामा पहनाने की तैयारी पूरी कर ली गई है.

Uttarakhand Transport Commissioner Office
उत्तराखंड परिवहन आयुक्त ऑफिस (Photo-ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 1, 2024, 7:19 AM IST

Updated : Dec 1, 2024, 7:29 AM IST

देहरादून:उत्तराखंड में नए साल से यात्रियों के लिए नई व्यवस्था लागू होने जा रही है. इसके तहत राज्य में दाखिल होते ही यात्रियों के वॉलेट से एक निश्चित रकम सरकार के खाते में खुद-ब-खुद चली जाएगी. राज्य को आर्थिक रूप से ताकत देने वाली ये व्यवस्था हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर शुरू की जा रही है. जिसके जरिए उत्तराखंड सालाना करोड़ों का राजस्व इकट्ठा कर सकेगा. उत्तराखंड में आने वाले दूसरे राज्यों के वाहनों को प्रवेश शुल्क के रूप में ग्रीन सेस चुकाना होगा.

विभाग के राजस्व में होगा इजाफा:उत्तराखंड के बॉर्डर पर लगे 17 कैमरे जल्द ही नई तकनीक से जुड़ने वाले हैं. दरअसल परिवहन विभाग ने इस तकनीक को अपनाने और नई व्यवस्था को लागू करने की तैयारी पूरी कर ली है. जिसके जरिए परिवहन विभाग नए साल से ग्रीन सेस वसूली पर काम शुरू कर देगा. इस नई व्यवस्था के तहत उत्तराखंड आने वाले दूसरे राज्यों के वाहनों पर ग्रीन सेस लगाया जाएगा. जिससे राज्य की अच्छी खासी आमदनी हो सकेगी.

दूसरे राज्यों से उत्तराखंड आने वाले वाहनों पर लगेगा ग्रीन सेस (Video-ETV Bharat)

ऑनलाइन ग्रीन सेस काटे जाने की तैयारी:हिमाचल प्रदेश में भी ग्रीन सेस लगाया जा रहा है और इसी आधार पर उत्तराखंड ने भी प्रदेश के बाहर से आने वाले वाहनों से सेस वसूलने का निर्णय लिया है. उत्तराखंड संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि फिलहाल प्रदेश में भारी कमर्शियल वाहनों से ग्रीन सेस लिया जा रहा है, जबकि निजी और छोटे वाहनों से परिवहन विभाग की तरफ से कोई वसूली नहीं की जा रही है. उत्तराखंड में ₹40 से लेकर ₹80 तक ग्रीन सेस के रूप में वसूली किए जाने के रेट तय हैं. उत्तराखंड के बॉर्डर से राज्य में दाखिल होने वाले भारी वाहनों से ₹80 रुपए लिए जा रहे हैं. अभी यह पूरी वसूली पर्ची काटकर मैन्युअल की जाती है, जिसे अब भविष्य में फास्ट टैग वॉलेट से ऑनलाइन काटे जाने की योजना है.

ग्रीन सेस से करोड़ों में होगी वसूली:वैसे तो निजी कार के लिए ₹40 तय है और ये ग्रीन सेस 24 घंटे के लिए मान्य है, लेकिन व्यवस्था ना होने के कारण अभी निजी वाहनों से कोई वसूली नहीं हो पा रही है. फिलहाल परिवहन विभाग द्वारा मैन्युअल कमर्शियल भारी वाहनों से ग्रीन शासन के रूप में जो वसूली की जा रही है, उसे सालाना राज्य को ₹5 से ₹6 करोड़ की आमदनी हो रही है. जबकि नई व्यवस्था लागू होने पर निजी वाहनों से भी ग्रीन सेस की वसूली हो पाएगी, और इससे सालाना करीब ₹75 करोड़ तक का राजस्व राज्य को मिल सकेगा. यह स्थिति तब होगी जब ग्रीन सेस को इसी रेट पर वसूला जाएगा.

सालाना आय होगी दोगुनी:सरकार फिलहाल ग्रीन सेस की रकम बढ़ाए जाने पर विचार कर रही है. इसके पीछे का कारण यह है कि हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड से करीब तीन गुना ज्यादा ग्रीन सेस ले रहा है. जाहिर है कि राज्य यदि मौजूदा रेट में संशोधन कर इसे दोगुना भी करता है तो उत्तराखंड को सालाना ₹120 करोड़ से लेकर ₹150 करोड़ तक के राजस्व की प्राप्ति हो सकेगी.

निजी कंपनी को हायर करने की तैयारी:उत्तराखंड परिवहन विभाग ने ऑटोमेटिक व्हीकल ग्रीन सेस कलेक्शन सिस्टम को शुरू करने के लिए निजी कंपनी को हायर करने की तैयारी कर ली है और इसके लिए टेंडर प्रक्रिया हो गई है. दिसंबर पहले हफ्ते में कंपनी के चयन के बाद आगे की औपचारिकताओं को जल्द से जल्द पूरा किये जाने की तैयारी है. इस तरह नए साल से इस नई प्रणाली के लागू होने और प्रदेश से बाहर के वाहनों से सेस वसूली का काम शुरू हो जाएगा.

भविष्य में डाटा सेंटर बनाने की भी है तैयारी:परिवहन विभाग इस पूरी प्रणाली को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए भविष्य में डाटा सेंटर भी बनाने जा रहा है, जिसमें उत्तराखंड आने वाले वाहनों की पूरी जानकारी मौजूद होगी. साथ ही इस पूरी व्यवस्था को इस डाटा सेंटर के जरिए मॉनिटर भी किया जा सकेगा. फिलहाल उत्तराखंड के बॉर्डर क्षेत्र की सड़कों में 17 कैमरे मौजूद हैं, जिनके जरिए ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन का काम किया जा सकेगा. इसके लिए इंटेलिजेंट टोलिंग सिस्टम (ITS) सॉफ्टवेयर की मदद ली जाएगी.

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Last Updated : Dec 1, 2024, 7:29 AM IST

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