नई दिल्ली:दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जेल से जमानत पर रिहा हो गए, लेकिन उनकी रिहाई से 24 घंटे पहले दिल्ली के शिक्षा विभाग में बड़ा फेरबदल हुआ है. दरअसल दिल्ली के शिक्षा निदेशालय में डायवर्ट कैपेसिटी के आधार पर सालों से कार्यरत 100 प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल्स और टीचिंग स्टॉफ (टीचर्स) का ट्रांसफर किया गया है. उन सभी को शिक्षा विभाग के कार्यालय से रिलीव कर उनके संबंधित स्कूलों में भेजने के आदेश जारी किए गए हैं.
डायवर्ट कैपेसिटी पर निभा रहे थे ड्यूटी:शिक्षा निदेशालय के अतिरिक्त शिक्षा निदेशक (एडमिन) की ओर से 8 अगस्त को जारी किए गए आदेशों की मानें, तो सरकारी स्कूलों में कार्यरत 100 प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल्स और टीचर्स सालों से स्कूल की बजाय निदेशालय के अलग-अलग विभागों और ब्रांच में डायवर्ट कैपेसिटी पर ड्यूटी निभा रहे थे. शिक्षा निदेशालय ने अब इन सभी प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल और टीचर्स को वापस उनके स्कूलों में भेजने के आदेश जारी किए हैं. इनमें 61 ऐसे टीचर्स हैं, जो टीचिंग की बजाय नॉन टीचिंग की जिम्मेदारी सालों से निभाते आ रहे हैं.
कार्यालय कार्य से किया गया मुक्त:आदेशों में साफ और स्पष्ट किया गया है कि वर्तमान में शिक्षा निदेशालय (मुख्यालय), रीजनल डायरेक्टर (एजुकेशन), जिला कार्यालय और जोनल कार्यालय में जो भी कार्यरत शिक्षक हैं, उन सभी को तत्काल प्रभाव से उनके संबंधित स्कूलों में ट्रांसफर कर दिया गया है. उनको इन सभी कार्यालय के कार्य से मुक्त कर दिया गया है. इसमें कॉन्ट्रैक्ट और गेस्ट टीचर जो लिस्ट में शामिल नहीं है, उनको भी बिना किसी छूट के तत्काल प्रभाव से संबंधित स्कूलों में जाने के लिए रिलीव कर दिया गया है.
दिसंबर 2024 में किया जाएगा रिव्यू:विभाग की ओर से केंद्र सरकार की मैटर शिक्षण योजना का भी जिक्र किया गया है, जिसके तहत नेशनल मिशन फॉर मेंटरिंग शुरू की गई. इसलिए वो मेंटर शिक्षक दिसंबर 2024 तक इस योजना में बने रहेंगे, उनको रिलीव करने के लिए दिसंबर 2024 में रिव्यू किया जाएगा. इसके अलावा यह भी आदेश दिए गए हैं कि हेडक्वार्टर, जिला और जोनल स्तर पर तैनात बाकी शिक्षकों के लिए ब्रांच इंचार्ज, उनकी जरूरत की समीक्षा करने के बाद 30 दिन के भीतर एक प्रपोजल पेश करेंगे. वहीं जिन शिक्षकों को उनके स्कूल में वापस भेजा गया है, उनके के लिए जारी आदेश का अनुपालन सभी शाखा इंचार्ज को कराना है और इसको लेकर तीन दिनों के भीतर अनुपालन रिपोर्ट को ई-II ब्रांच को प्रस्तुत करना होगा.