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देहरादून इनोवा हादसा: टोयोटा टेक्निकल टीम ने दुर्घटना के 2 कारण बताए, ब्रेक के नीचे फंसी वाटर बोटल, बेलगाम रफ्तार - DEHRADUN INNOVA ACCIDENT

देहरादून इनोवा हादसे की टोयोटा के साथ जेपीआरआई की टीम ने भी जांच की. पुलिस को जेपीआरआई की रिपोर्ट का इंतजार है.

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देहरादून इनोवा हादसा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 18, 2024, 5:36 PM IST

Updated : Nov 20, 2024, 9:12 AM IST

देहरादून:उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बीते 11 नवंबर को हुए सड़क हादसे की गुत्थी अभी तक भी सुलझ नहीं पाई है. पुलिस को टोयोटा के साथ जेपीआरआई (जेपी रिसर्च इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) की जांच रिपोर्ट का इंतजार है. टोयोटा की टेक्निकल टीम ने घटनास्थल के साथ दुर्घटनाग्रस्त इनोवा कार का निरीक्षण किया. टोयोटा की टेक्निकल टीम ने प्राथमिक जांच में हादसे के दो कारणों का जिक्र किया है. वहीं, घटना वाली रात जिस लाल गाड़ी से रेस लगाने की बात कही जा रही थी, उस लाल गाड़ी को भी पुलिस ने ढूंढ लिया है.

पुलिस को जेपीआरआई रिपोर्ट का इंतजार: बता दें कि, जेपी रिसर्च इंडिया प्राइवेट लिमिटेड सड़क सुरक्षा अनुसंधान फर्म है, जो भारत में सड़क हादसे से होने वाली मौतों का कम करने के उद्देश्य से घटनास्थल पर दुर्घटना की जांच और एकत्र डेटा पर स्टडी करती है.

टोयोटा टेक्निकल टीम ने देहरादून इनोवा हादसे के दो कारण बताए. (ETV Bharat)

हादसे में 6 लोगों की गई थी जान: दरअसल, सोमवार रात को करीब दो बजे देहरादून के ओएनजीसी चौक पर तेज रफ्तार इनोवा कार, एक कंटनेर से टकराने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इस हादसे में 6 छात्रों की मौके पर ही मौत हो गई थी. सभी की उम्र महज 19 से 24 साल के बीच थी. वहीं एक छात्र गंभीर रूप से घायल हुआ था, जिसका हॉस्पिटल में अभी भी उपचार चल रहा है.

हादसा कैसे हुआ इसको लेकर कुछ सटीक जानकारी नहीं मिल पा रही है. क्योंकि हादसे के समय ओएनजीसी चौक पर लगे सीसीटीवी कैमरों में टेक्निकल कारणों से रिकॉर्डिंग नहीं हो पाई. वहीं हादसे में घायल छात्र भी अभी बयान देने की स्थिति में नहीं है.

अन्य जगहों पर नामर्ल थी इनोवा की स्पीड: वहीं ओवरस्पीडिंग को लेकर देहरादून एसएसपी अजय सिंह का कहना है कि उनकी टीम ने उस रूट के सीसीटीवी कैमरे चेक किए हैं, जिस रूट से छात्र इनोवा कार लेकर गुजरे थे, लेकिन किसी भी कैमरे में इनोवा की ओवरस्पीडिंग नहीं देखी गई है. घटनास्थल से 500 से 700 मीटर पहले इनोवा का जरूर ओवरस्पीडिंग का एक फुटेज मिला है. साथ ही फुटेज में लाल रंग रैपीडो स्कोडा की गाड़ी भी जाते हुए दिखा रही है. दोनों गाड़ियों को देखकर पुलिस रेसिंग की बात मान कर चल रही थी, लेकिन जांच में ऐसा कुछ नहीं निकला है क्योंकि पुलिस ने उस लाल गाड़ी के ड्राइवर को ढूंढ लिया है.

लाल गाड़ी पहले ही रूक गई थी: पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार लाल गाड़ी में सवार दोनों युवक किसी को देखने के लिए अस्पताल जा रहे थे. लाल गाड़ी जब ओएनजीसी चौक के पास पहुंची और देखा कि सामने से एक कंटेनर जा रहा है तो इन्होंने अपनी गाड़ी को रोक लिया था. लेकिन पीछे से आ रही इनोवा कार नहीं रुक पाई. इनोवा कार किन परिस्थितियों में नहीं रुक पाई, इसके लिए पुलिस ने टोयोटा की टेक्निकल टीम को बुलाया गया था. टेक्निकल टीम ने दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी का निरीक्षण किया.

टोयोटा की टेक्निकल टीम ने बताए दो कारण:पुलिस के मुताबिक, टोयोटा की टेक्निकल टीम ने हादसे के दो कारण बताए हैं. पहला ओवरस्पीड हो सकती है. साथ ही निरीक्षण के दौरान ये भी सामने आया कि पानी की बोतल भी ब्रेक के नीचे फंसी हुई थी. इससे ये भी माना जा सकता है कि बोतल के कारण ब्रेक ही न लग पाया हो. बता दें कि पहले जिस लाल गाड़ी से रेसिंग की बात कही जा रही थी, उसी गाड़ी में सवार युवक घायल छात्र को हॉस्पिटल लेकर गया था.

लाल रंग की कार के स्वामी से पुलिस को बताया कि वो जीएमएस रोड पर रहता है. घटना के समय वे अपनी स्कोडा कार से मैक्स हॉस्पिटल में एडमिट अपने परिजन को देखने के लिए मैक्स हॉस्पिटल जा रहे थे. रोड खाली होने के कारण उनकी गाड़ी तेज थी. ओएनजीसी चौक पर कंटेनर को गुजरता देखकर उन्होंने अपनी गाड़ी को सड़क की लेफ्ट साइड में रोक लिया गया, लेकिन उनके पीछे आ रही इनोवा कार ने कंटेनर के गुजरते वक्त ब्रेक नहीं मारा गया और सीधे कंटेनर के पिछले हिस्से में जोरदार टक्कर मारते हुए पलट कर पेड़ से टकरा गई.

दुर्घटना के बाद लाल कार में सवार व्यक्ति की घायल को अन्य लोगों की मदद से हॉस्पिटल लेकर गया. घायल व्यक्ति को हॉस्पिटल के अंदर ले जाने के बाद स्कोडा सवार व्यक्ति अपने परिचित को देखने के लिए मैक्स हॉस्पिटल की तरफ जाना पाया गया. अब तक की पूछताछ में घटना के समय दोनों वाहन चालकों का आपस में कोई परिचय होना नहीं पाया गया व किसी भी प्रकार से दोनों वाहनों की रेस करने की तथाकथित तथ्य का होना नहीं पाया गया.

कंटेनर का ड्राइवर फरार: वहीं, कंटेनर को लेकर भी पुलिस ने स्थिति स्पष्ट की है. कंटेनर पहले चंडीगढ़ में एक फर्म के नाम पर था. बाद में उसे बेचा गया था. कंटेनर का ड्राइवर यूपी के सहारनपुर जिले का रहने वाला है, लेकिन इस हादसे के बाद डर के कारण वो फरार हो गया. जिसकी तलाश में पुलिस की एक टीम लगी हुई है. जल्द ही ड्राइवर को अरेस्ट किया जाएगा और अरेस्टिंग के बाद उससे काफी जानकारी मिल पाएगी.

फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है. इस हादसे में घायल हुए छात्र सिद्धेश अग्रवाल के होश में आने का इंतजार रही है. तभी पुलिस को सही जानकारी मिल पाएगी कि उस रात ये हादसा आखिर कैसे हुआ?

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Last Updated : Nov 20, 2024, 9:12 AM IST

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