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तिरुपति लड्डू विवाद: कहीं कम कीमत तो नहीं मिलावट की वजह? - Trupati Balaji

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 4 hours ago

Updated : 2 hours ago

Tirupati Laddu Row: तिरुपति लड्डू विवाद को लेकर सियासी खींचतान जारी है. इस बीच तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने कहा कि श्रीवारी लड्डू की दिव्यता और शुद्धता अब 'बेदाग' है.

तिरुपति लड्डू विवाद
तिरुपति लड्डू विवाद (ANI)

अमरावती: तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने शनिवार को कहा कि श्रीवारी लड्डू की दिव्यता और शुद्धता अब 'बेदाग' है. इससे पहले बोर्ड ने मंदिर में खाद्य सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए इन-हाउस मिलावट परीक्षण मशीन स्थापित करने की योजना की भी घोषणा की थी.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को आरोप लगाया कि वाईएसआरसीपी के जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने पशु वसा वाले मिलावटी घी के उपयोग की अनुमति देकर भारत के सबसे अमीर मंदिर की धार्मिक 'शुद्धता' से समझौता किया. इस दौरान नायडू ने गुजरात की एक लैब रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें दावा किया गया था कि घी में मछली का तेल, गोमांस की चर्बी और चरबी के अंश थे.

बीफ टैलो क्या है?
बीफ टैलो, रंप रोस्ट, पसलियों और स्टेक जैसे बीफ कट्स से निकाले गए वसे से बने पदार्थ को कहते हैं. मांस से निकाले गए वसा को गर्म करके और पिघलाकर भी टैलो का उत्पादन किया जाता है, जिससे यह एक तरल में बदल जाता है जो कमरे के तापमान पर ठंडा होने पर एक लचीली, मक्खन जैसी स्थिरता में कठोर हो जाता है.

क्या कम कीमत के कारण मिलावट हुई?
तमिलनाडु में डिंडीगुल स्थित एआर फूड्स इस विवाद का केंद्र है. यह फर्म पांच शॉर्टलिस्ट की गई कंपनियों में से एक थी. बता दें कि डिंडीगुल स्थित एआर फूड्स, जिसकी बिड सबसे कम 320 रुपये प्रति लीटर थी. एआर डेयरी के प्रवक्ता ने एक तमिल स्थानीय समाचार चैनल से कहा, "हम जून, जुलाई तक टीटीडी को घी की सप्लाई करते थे. फिर हमने आपूर्ति बंद कर दी. हमारे पास 30 सालों की लेगेसी है. हम अपने प्रोडक्ट में कोई मिलावट नहीं करते हैं."

उन्होंने बताया, "टीटीडी द्वारा खरीदी गई कुल मात्रा में से हमने केवल 0.1 प्रतिशत की सप्लाई की है. उन आपूर्तियों के लिए भी हमने परीक्षण किए हैं और रिपोर्ट भेजी हैं, यहां तक कि FSSAI की रिपोर्ट भी टीटीडी को भेजी है." कंपनी ने घी में मिलावट के लिए मछली के तेल के इस्तेमाल के दावों को भी खारिज कर दिया और कहा कि यह पदार्थ घी से अधिक महंगा है. कंपनी के क्वालिटी कंट्रोल अधिकारी ने कहा, "इस तरह की किसी भी मिलावट को केवल गंध से ही पहचाना जा सकता है."

ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट की प्रक्रिया शुरू
टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने कहा कि प्रयोगशाला परीक्षणों में पशु वसा-दूषित घी की उपस्थिति की पुष्टि हुई है और कहा कि बोर्ड ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया में है. अधिकारी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सप्लायर ने इन कमियों का फायदा उठाया, जिसने 320 रुपये और 411 रुपये के बीच घी की सप्लाई की और इस मूल्य बैंड को शुद्ध गाय के घी की आपूर्ति के लिए अव्यवहारिक बताया.

इतने कम दामों पर घी की सप्लाई करने की अव्यवहारिकता का हवाला देते हुए, कर्नाटक दुग्ध महासंघ (KMF) ने 2023 में अनुबंध से बाहर होने का विकल्प चुना. हालांकि, केएमएफ ने लड्डुओं की गुणवत्ता में सुधार करने के नायडू के निर्देश के बाद पिछले महीने टीटीडी को आपूर्ति फिर से शुरू कर दी.

राजनीतिक बयानबाजी
नायडू के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए वाईएसआरसीपी ने पलटवार करते हुए उन पर बाढ़ राहत पर अपनी सरकार की विफलता से ध्यान हटाने के लिए मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया. पार्टी ने नायडू के दावों की जांच की मांग के लिए आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का भी रुख किया.

इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने के लिए नायडू के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी और उचित कार्रवाई करने का वादा किया.

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