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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 26, 2024, 12:50 PM IST

Updated : Sep 26, 2024, 1:16 PM IST

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तिरुपति लड्डू विवाद, घी समेत अन्य सामग्रियों में की गई धांधली, सतर्कता जांच में खुलासा - Tirupati laddu row

Tirupati laddu row vigilance-enforcement department investigation : आंध्र प्रदेश स्थित विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में लड्डू प्रसाद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. सतर्कता जांच में और भी बड़े चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

TIRUPATI LADDU ROW
तिरुपति लड्डू विवाद, घी समेत अन्य सामग्रियों में की गई धांधली (ETV Bharat AP Desk)

तिरुपति:आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू प्रसाद विवाद में नीत नये खुलासे हो रहे हैं. इस मामले की जांच सतर्कता एवं प्रवर्तन विभाग द्वारा भी की गई. इस जांच में कई बड़े चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. जांच में पाया गया कि लड्डू प्रसाद में इस्तेमाल घी में कथित घोटाले के अलावा लड्डू बनाने में शामिल अन्य सामग्रियों में भी कथित रूप से धांधली की गई. यही नहीं आरोप ये भी है कि तत्कालीन मंदिर प्रशासन ने नियमों को ताक पर रख कर मंदिर ट्रस्ट के पैसे का बंदरबांट किया.

पिछले कुछ समय से यह विवाद चल रहा है कि तिरुमाला लड्डू में मिलावटी घी का इस्तेमाल किया गया था. सतर्कता एवं प्रवर्तन विभाग की जांच के अनुसार यह बात सामने आई है कि न केवल घी में मिलावट की गई थी, बल्कि भगवान के प्रसाद में घटिया काजू, रतालू और किशमिश का इस्तेमाल किया गया था. कई वस्तुओं की खरीद में घोटाला किया गया था.

बताया जा रहा है कि वाईएसआरसीपी सरकार के कार्यकाल में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) में हुई कथित अनियमितताओं और धन के दुरुपयोग की सतर्कता और प्रवर्तन विभाग की जांच में खुलासा हुआ है. पता चला है कि न केवल घी में मिलावट की गई बल्कि प्रसाद बनाने के अन्य सामग्रियों में शामिल काजू, रतालू और किशमिश की खरीदारी भी कथित रूप से अनियमितता बरती गई. पता चला है कि प्रसाद बनाने की सामग्रियों को ऊंची कीमतों में खरीद की गई.

सामग्रियों की खरीद में कई तरीकों से कथित घोटाले किए गए. क्वालिटी के साथ समझौता किया गया. जांच के अनुसार आठ मिमी आकार के रतालू की आपूर्ति करनी थी जबकि आपूर्ति चार मिमी की गई. सतर्कता विभाग ने पाया कि तत्कालीन टीटीडी शासी निकाय और खरीद समिति ने मौजूदा मामलों पर ध्यान नहीं दिया.

बताया जाता है कि थैले के ऊपरी भाग में अच्छी क्वालिटी की सामग्री रखी जाती थी जबकि इसके निचले हिस्से में घटिया सामग्री रखी जाती थी. सतर्कता अधिकारियों ने पाया कि वे अच्छी क्वालिटी वाली सामग्री से नमूने लेकर तिरुमाला स्थित लैब में जांच के लिए ले जाते थे. पुष्टि करते थे कि सब कुछ ठीक है. सतर्कता विभाग एक सप्ताह के भीतर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगा.

सतर्कता जांच से पता चला है कि टीटीडी शासकों ने श्रीवाणी ट्रस्ट के नाम पर मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए अपनी मर्जी से धन जारी किया था. यह पाया गया कि वाईएसआरसीपी नेताओं को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए अपनी मर्जी से धन दिया गया. बताया जा रहा है कि अधिकांश अनियमितताओं को अंजाम चुनाव से पहले दिए गए. पता चला है कि 63 मंदिरों को 35 लाख रुपए तक की राशि आवंटित की गई है, जबकि नियमानुसार अन्य मंदिरों को अधिकतम 25 लाख रुपए दिए जाने की अनुमति है. पता चला है कि कुछ पूर्ण हो चुके मंदिरों को राशि जारी कर दी गई है.

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Last Updated : Sep 26, 2024, 1:16 PM IST

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