जयपुर.छोटी काशी में गणगौर का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. पर्यटन विभाग की ओर से गणगौर फेस्टिवल आयोजित किया गया. दो दिवसीय तीज फेस्टिवल के अवसर पर गुरुवार को राजधानी जयपुर में गणगौर माता की शाही सवारी निकाली गई. जयपुर की पारंपरिक गणगौर की शाही सवारी सिटी पैलेस की जनाना ड्योढ़ी से शुरू होकर तालकटोरा पहुंची. इस दौरान गणगौर की शाही सवारी को देखने के लिए भारी संख्या में जनसैलाब उमड़ा. विदेशी सैलानी भी गणगौर माता की सवारी को देखने के लिए पहुंचे. वहीं, लोक कलाकारों ने राजस्थानी संस्कृति की छटा बिखेरी. कलाकारों की ओर से प्रसिद्ध घोड़ी नृत्य कालबेलिया, कठपुतली नृत्य, कच्ची घोड़ी नृत्य समेत अन्य प्रस्तुतियां दी गई.
दरअसल, गुरुवार शाम को गणगौर माता की पारंपरिक शाही सवारी हाथी, घोड़े व ऊंट के लवाजमे के साथ त्रिपोलिया गेट से निकाली गई. माता की सवारी निकलने से पहले जनाना ड्योढ़ी में जयपुर के पूर्व राज परिवार की ओर से विधिवत पूजा-अर्चना की गई. इस दौरान सैकड़ों लोक कलाकारों ने राजस्थान की लोक कला और संस्कृति को पेश किया. शाही लोक पर्व गणगौर जयपुर की विरासत से जुड़ा है. त्रिपोलिया गेट से जब गणगौर माता की सवारी निकली तो उनके दर्शन करने व माता की एक झलक को कैमरे में कैद करने के लिए देशी-विदेशी पर्यटकों का हुजूम वहां उमड़ पड़ा. लोक कलाकार राजस्थानी विरासत को पेश करते हुए माता के शाही लवाजमे के साथ चले. इस गणगौर का जयपुर की विरासत ही नहीं, संस्कृति और सभ्यता के साथ भी अनूठा जुड़ाव है, जो आमेर रियासतकाल से अब तक जीवंत है. वहीं, हर साल चैत्र शुक्ल तृतीया पर साकार होता है.
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पर्यटन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर उपेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि बैंड बाजा, सजे हुए ऊंट, घोड़े और शाही लवाजमा के साथ गणगौर माता पालकी पर सवार होकर त्रिपोलिया गेट से रवाना होकर छोटी चौपड़ गणगौरी बाजार होते हुए तालकटोरा पहुंची. गणगौर फेस्टिवल कार्यक्रम के दौरान 150 से अधिक लोक कलाकारों ने प्रदेश के लोक कला और संस्कृति की छठा बिखेरी. राजस्थान के प्रसिद्ध कालबेलिया नृत्य, गैर नृत्य, बहरूपिया, मशक वादन, कठपुतली नृत्य, कच्ची घोड़ी नृत्य और अलग-अलग बैंड ग्रुप समेत अनेक कलाकारों के समूह ने गणगौर की शाही सवारी में अपनी शानदार प्रस्तुतियां दी. पर्यटन विभाग की ओर से विदेशी मेहमानों के लिए त्रिपोलिया गेट के सामने होटल की छत पर बैठने की व्यवस्था की गई.
कल निकलेगी बूढ़ी गणगौर की सवारी : इधर, गणगौर माता की सवारी को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला. सिटी पैलेस के जनाना ड्योढ़ी में पूजा-अर्चना के बाद माता की सवारी को रवाना किया गया. पूर्व राज परिवार की ओर से गणगौर माता की पूजा-अर्चना की गई. गणगौर माता के जयकारे लगाकर लोगों ने काफी उत्साह दिखाया. लाल परिधान में कीमती आभूषणों से सजी गणगौर माता चांदी की पालकी में विराजमान थी. लोगों ने गणगौर माता के दर्शन करके पुष्प बरसाए और सुख सौभाग्य का आशीर्वाद मांगा. वहीं, इस गणगौर महोत्सव में विभिन्न झांकियां शामिल रही. अब अगले दिन शुक्रवार को बूढ़ी गणगौर की सवारी निकाली जाएगी.