हैदराबाद: तेलंगाना के नए प्रतीक चिन्ह में काकतीय कला थोरनम और चारमीनार की तस्वीरों के शामिल किए जाने की संभावना नहीं है. मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने बुधवार को कथित तौर पर आर्टिस्ट रुद्र राजेशम से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि राज्य का प्रतीक चिन्ह तेलंगाना के लोगों की लड़ाई की भावना, उत्पीड़न के खिलाफ उनके संघर्ष और बलिदान को दर्शाता हो, न कि निरंकुशता को.
रेवंत रेड्डी ने डिप्टी सीएम भट्टी विक्रमार्क और राजेशम के साथ मिलकर प्रतीक चिन्ह के डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया. उन्होंने राज्य गीत 'जय जयहे तेलंगाना' को भी अंतिम रूप दिया, जिसे एंडे श्री ने लिखा है. राज्य गीत के दो वर्जन होंगे, जिसमें ढाई मिनट का शॉर्ट ड्यूरेशन गीत और 13 मिनट का फुल वर्जन गीत शामिल है. ऑस्कर विजेता एमएम कीरवानी इस गीत के लिए संगीत तैयार कर रहे हैं.
पिछले प्रतीक चिन्ह में क्या था
नया प्रतीक चिन्ह पिछली भारत राष्ट्र समिति (BRS) सरकार की ओर से औपचारिक रूप से बनाए गए प्रतीक चिन्ह की जगह लेगा, जो काकतीय कला थोरनम और चारमीनार वाली एक गोलाकार मुहर थी. इसमें तेलुगु में 'तेलंगाना प्रभुत्वमु', अंग्रेजी में 'गवर्नमेंट ऑफ तेलंगाना', उर्दू में 'तेलंगाना सरकार' और संस्कृत में 'सत्यमेव जयते' जैसे अन्य चिन्ह शामिल थे.