उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / bharat

स्वामी प्रसाद मौर्य बोले- यदि प्राण प्रतिष्ठा करने से पत्थर सजीव हो जाता है तो मुर्दा क्यों नहीं चल सकता? - गाजीपुर स्वामी प्रसाद मौर्य

अयोध्या में 22 जनवरी को हुई रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Pran Pratistha Swami Prasad Maurya) का बड़ा बयान सामने आया है. गाजीपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में सपा नेता ने भाजपा पर निशाना साधा.

े्िप
ि्े

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 24, 2024, 6:52 AM IST

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल उठाए.

गाजीपुर :समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य मंगलवार को जिले में पहुंचे. उन्होंने पार्टी की ओर से आयोजित कर्पूरी ठाकुर शताब्दी समारोह में हिस्सा लिया. इस दौरान मीडिया से बातचीत में एक बार फिर से सनातन धर्म के खिलाफ बयान दिया. कहा कि प्राण प्रतिष्ठा करने से अगर पत्थर सजीव हो जाता है तो मुर्दा क्यों नहीं चल सकता, जो पहले से भगवान हैं, उनमें प्राण प्रतिष्ठा करने वाले हम लोग कौन होते हैं.

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर सवाल उठाए. उसे भाजपा का कार्यक्रम बता दिया. उन्होंने मंच से कहा कि एक टीवी डिबेट में एक संत कह रहे थे भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां पत्थर में प्राण प्रतिष्ठा होती है. इस पर वहां मौजूद सपा के प्रवक्ता ने कहा कि अपने परिवार में मरने वालों लोगों में भी प्राण प्रतिष्ठा कर दी जाए तो वे हमेशा जीवित रहेंगे क्या. यदि प्राण प्रतिष्ठा करने से पत्थर सजीव हो जाता है तो मुर्दा क्यों नहीं चल सकता. ये सब ढोंग है, पाखंड है.

कहा-प्राण प्रतिष्ठा भाजपा का निजी कार्यक्रम :मीडिया से बातचीत में अयोध्या जाकर दर्शन करने के सवाल पर कहा कि अब तो कोई भी कभी भी जा सकता है. यह भाजपा का निजी कार्यक्रम था, इसीलिए सभी राजनीतिक दलों ने उससे दूरी बना रखी थी. पत्थर में प्राण प्रतिष्ठा वाले बयान पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि जो भगवान के रूप में स्थापित है, जो सबका भला करता है, कल्याण करता है, उसके अंदर हम कौन होते हैं प्राण प्रतिष्ठा करने वाले. अगर यह धार्मिक अनुष्ठान होता तो चारों शंकराचार्य में से कोई एक शंकराचार्य उपस्थित होता. भाजपा, विहिप और आरएसएस के अलावा अन्य राजनीतिक दल के लोग भी होते.

भगवान की प्राण प्रतिष्ठा को कोई औचित्य नहीं :सपा नेता ने कहा कि यह कार्यक्रम केवल मोदी के लिए आयोजित किया गया था. भगवान रामलला के लिए नहीं. भगवान राम तो हजारों साल से वहां पूजे जा रहे हैं तो प्राण प्रतिष्ठा का औचित्य ही क्या है. मूर्ति और मंदिर की सुंदरता के सवाल पर स्वामी प्रसाद ने कहा कि अभी तो मंदिर अधूरा है और इसी पर शंकराचार्यों का विरोध भी था. इंडिया गठबंधन में मायावती को लेकर कहा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पहले भी उनका सम्मान किया और आज भी करते हैं.

यह भी पढ़ें :श्रीराम की शोभा यात्रा में शामिल हुए सपा विधायक मोहम्मद फहीम, लोगों को दी बधाई, देखें VIDEO

ABOUT THE AUTHOR

...view details