नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) द्वारा पारित आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें एड-टेक प्रमुख बायजू के खिलाफ दिवालियेपन की कार्यवाही को रद्द कर दिया गया और बीसीसीआई के साथ 158.9 करोड़ रुपये के बकाये के निपटान को मंजूरी दे दी.
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल थे, ने एनसीएलएटी के आदेश पर रोक लगा दी. इससे पहले अमेरिका स्थित लेनदार ग्लास ट्रस्ट कंपनी एलएलसी ने न्यायाधिकरण के फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था.
पीठ ने बीसीसीआई को बायजू से प्राप्त 158.9 करोड़ रुपये को अगले निर्देश तक एस्क्रो खाते में रखने का निर्देश दिया. बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने एनसीएलएटी के फैसले पर रोक लगाने का विरोध किया. पीठ ने एनसीएलएटी के 2 अगस्त, 2024 के आदेश की वैधता पर सवाल उठाने वाली याचिका पर बायजू को नोटिस भी जारी किया.