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मनी लॉन्ड्रिंग मामला: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा - Senthil Balaji bail plea Reserved

By Sumit Saxena

Published : Aug 12, 2024, 4:54 PM IST

Senthil Balaji Bail Plea Reserved: सुप्रीम कोर्ट मद्रास हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली बालाजी की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसने पिछले साल अक्टूबर में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. बता दें कि ईडी ने कैश फॉर जॉब घोटाले में 14 जून 2023 को सेंथिल बालाजी को गिरफ्तार किया था.

SC reserves verdict on bail plea of former TN minister Senthil Balaji
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो) (Getty Images)

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. वी सेंथिल बालाजी को जून 2023 में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था.

जस्टिस अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और बालाजी का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा की विस्तृत दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया.

सुनवाई के दौरान रोहतगी ने दलील दी कि उनका मुवक्किल एक साल से अधिक समय से जेल में है और सुनवाई जल्द पूरी होने की कोई संभावना नहीं है और उनके मुवक्किल की सर्जरी भी हुई है. रोहतगी ने कहा कि आरोप यह है कि, बालाजी प्रभावशाली हैं लेकिन अब उनके पास विभाग नहीं है. मेहता ने द्रमुक नेता को जमानत देने का विरोध किया और कहा कि, मुकदमे में देरी के लिए पूर्व मंत्री जिम्मेदार हैं.

रोहतगी ने कहा कि, इस मामले में हजारों गवाह शामिल हैं और गवाहों को धमकी देने या सबूतों से छेड़छाड़ की कोई बात नहीं है और उन्होंने जोर देकर कहा कि उनका मुवक्किल अब मंत्री नहीं है. मेहता ने कहा कि महज एक साल की कैद और मुकदमे में देरी का संभावित खतरा उन्हें रिहा करने का अच्छा आधार नहीं हो सकता है.

सुप्रीम कोर्ट मद्रास हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली बालाजी की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसने पिछले साल अक्टूबर में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. हाई कोर्ट ने कहा था कि जमानत पर रिहा होने पर उनके गवाहों को प्रभावित करने की संभावना है और बालाजी की स्वास्थ्य रिपोर्ट से भी ऐसा नहीं लगता है कि यह कोई चिकित्सीय स्थिति है जिसका ध्यान केवल जमानत पर रिहा होने पर ही किया जा सकता है.

पिछले साल जून में, ईडी ने बालाजी को नौकरियों के बदले नकदी घोटाले (कैश फॉर जॉब घोटाले) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था, जब वह अन्नाद्रमुक शासन के दौरान परिवहन मंत्री थे.

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