नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाई कोर्ट के उस आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है, जिसमें पिछले साल कथित तौर पर आत्महत्या करने वाली 14 साल लड़की का अश्लील वीडियो बनाने और फिर उसे सर्कुलेट करने के आरोपी नाबालिग लड़के को जमानत देने से इनकार कर दिया गया था. लड़का उत्तराखंड का है.
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की वैकेशन बेंच ने 1 अप्रैल को पारित होई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपनी मां के माध्यम से नाबालिग की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया. पीठ ने 20 मई को पारित अपने आदेश में कहा, 'याचिकाकर्ता के वकील को विस्तार से सुनने और रिकॉर्ड पर रखे गए मैटेरियल को ध्यान से पढ़ने के बाद हम इस स्तर पर हाई कोर्ट से पारित आदेश में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं. इसके चलते स्पेशल लीव याचिकाएं खारिज की जाती हैं.
POCSO एक्ट के तहत दर्ज केस
नाबालिग आईपीसी और प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेज एक्ट (POCSO) 2012 के प्रावधानों के तहत हरिद्वार जिले में दर्ज एक मामले में आरोपी है. उसने जुवेलाइन जस्टिस बॉर्ड (JJB) द्वारा पारित आदेशों सहित अन्य आदेशों के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख किया था. हालांकि, कोर्ट ने उसकी अर्जी खारिज कर दी.