नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 14 वर्षीय रेप पीड़िता को 28 सप्ताह से अधिक की गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति प्रदान कर दी है. कोर्ट ने यह देखते हुए कि गर्भावस्था जारी रखने से पीड़िती की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है, इसके बावजूद यह फैसला सुनाया.
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने बॉम्बे उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करते हुए लोकमान्य तिलक म्यूनिसिपल जनरल हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज सायन, मुंबई के डीन को गर्भावस्था समाप्त करने के लिए एक टीम गठित करने का निर्देश दिया. इससे पहले मेडिकल बोर्ड ने बताया था कि गर्भावस्था जारी रखने से नाबालिग पीड़िता को शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसान हो सकता है. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि स्थिति और नाबालिग को ध्यान में रखते हुए, सबसे महत्वपूर्ण है उसकी सुरक्षा.