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एक दिन के बच्चे की आंत थी बाहर, पटना के इस अस्पताल में दुर्लभ सर्जरी कर बचायी गई जान - intestines of newborn outside

By ETV Bharat Bihar Team

Published : 4 hours ago

Rare Surgery Of Child In Patna: बिहार के पटना के महावीर मंदिर न्यास द्वारा संचालित महावीर वात्सल्य अस्पताल में दुर्लभ सर्जरी कर बच्चे की जान बचाई गई है. नवजात का आंत पेट से बाहर था. एक दिन के बच्चे के आंत को दुर्लभ सर्जरी द्वारा भीतर कर उसकी जान बचाई गई है.

intestines of newborn outside
नवजात की आंत निकली थी बाहर (ETV Bharat)

पटना: बिहार के नालंदा जिले का नवजात बच्चा पेट से बाहर निकले हुए आंत के साथ जन्म लिया था. नालंदा में जन्म के कुछ घंटों के भीतर उसके परिजन इस जटिल शारीरिक स्थिति के इलाज के लिए सीधे पटना के महावीर वात्सल्य अस्पताल लेकर आए. 4 सितंबर को भर्ती के तुरंत बाद उसके ऑपरेशन की तैयारी शुरू कर दी गयी.

नवजात की आंत निकली थी बाहर:महावीर वात्सल्य अस्पताल के प्रसिद्ध शिशु रोग सर्जन डाॅ ओम पूर्वे के नेतृत्व में बच्चे की सर्जरी कर उसके बाहर निकले आंत को पेट के भीतर किया गया. डाॅ ओम पूर्वे ने बताया कि 24 घंटे से अधिक समय तक आंत पेट से बाहर रहने पर वह खराब हो जाता है. ऐसी स्थिति में बच्चे को बचाना नामुमकिन हो जाता.

"बच्चे की इमरजेंसी सर्जरी की जरूरत को देखते हुए भर्ती होने के दो घंटों के भीतर उसे ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया. मेरे नेतृत्व में डाॅ राकेश, डाॅ पुलक तोष और डाॅ गीता की टीम ने दो घंटे की जटिल सर्जरी कर बाहर निकले आंत को भीतर किया."- डाॅ ओम पूर्वे, शिशु रोग सर्जन

गर्भनाल से पेट का बाहरी आवरण तैयार किया: डाॅ ओम पूर्वे ने बताया कि आंत को सीधे पेट के अंदर डालने से पेट का प्रेशर अचानक बहुत ज्यादा बढ़ने का खतरा रहता है. उससे बचने के लिए नवजात बच्चे के गर्भनाल से उसके पेट का बाहरी आवरण तैयार किया गया. उन्होंने बताया कि सामान्य प्रैक्टिस में पेट से बाहर निकले आंत को भीतर करने के लिए सिलोबैग का सहारा लिया जाता है. इस प्रक्रिया में एक सप्ताह से दस दिनों तक का समय लगता है. इस क्रम में कई मामलों में बच्चे की जान भी चली जाती है. लेकिन महावीर वात्सल्य अस्पताल में दो घंटे की सर्जरी में ही बच्चे की आंत को सीधे पेट के भीतर कर दिया गया. गर्भनाल के मजबूत आवरण से पेट को सुरक्षित कर दिया गया.

5 दिन वेंटीलेटर के बाद अब स्वस्थ है बच्चा: डाॅ ओम पूर्वे ने बताया कि ऑपरेशन के बाद पांच दिनों तक बच्चा वेंटिलेटर पर रहा. उस दौरान और उसके बाद दस दिनों तक डाॅ प्रभात कुमार, डाॅ बिनय रंजन, डाॅ विवेक पांडेय और डाॅ रणदीप की टीम ने बच्चे की पोस्ट ऑपरेशन चिकित्सकीय देखभाल कर उसे स्वस्थ किया. बच्चा अब मां का दूध पी रहा है और सामान्य जीवन व्यतीत कर रहा है.

आचार्य किशोर कुणाल ने दी बधाई: महावीर वात्सल्य अस्पताल के अपर निदेशक और पूर्व अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार ने बताया कि बच्चे की इतनी दुर्लभ सर्जरी आयुष्मान योजना के तहत निःशुल्क की गयी. महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने इस तरह की दुर्लभ सर्जरी और समुचित चिकित्सकीय देखभाल के लिए महावीर वात्सल्य अस्पताल के डाॅक्टरों की टीम को बधाई दी है.

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