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मजदूरी करने झारखंड पहुंचा शख्स आज छाप रहा लाखों रुपए, दूसरे राज्यों में भी बनी पहचान - Success Story

कहावत है, जहां चाह वहां राह. इस कहावत का प्रत्यक्ष प्रमाण झारखंड के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल नेतरहाट में आसानी से देखा जा सकता है. यहां आंध्र प्रदेश से आए दो भाइयों ने इस कहावत को चरितार्थ करते हुए नेतरहाट की पहचान में एक और अध्याय जोड़ दिया है. पठारी इलाकों में मजदूरी करने आए आंध्र प्रदेश के युवक को जब खनन कार्य में फायदा नहीं हुआ तो उन्होंने अपना काम शुरु किया और एक इतिहास लिख दिया. इस रिपोर्ट में जानिए उनके सक्सेस की कहानी.

Success Story of man
डिजाइन इमेज (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 22, 2024, 7:02 AM IST

लातेहार: नेतरहाट की पहचान इसकी खूबसूरत वादियां और यहां का मौसम है. लेकिन अब नेतरहाट की पहचान स्ट्रॉबेरी के पौधों के उत्पादन के सबसे बड़े हब के रूप में भी होने लगी है. नेतरहाट में आंध्र प्रदेश से आए दो भाइयों राम राजू और श्रीनिवास राजू ने खेती की संभावना को तलाशते हुए, यहां स्ट्रॉबेरी के पौधों की नर्सरी तैयार की. आज देश के विभिन्न राज्यों में नेतरहाट की नर्सरी में उत्पादन किए गए पौधों से स्ट्रॉबेरी की बंपर उत्पादन की जा रही है. पिछले साल यहां से लगभग 8 से 10 लाख पौधे देश के विभिन्न राज्यों में भेजे गए थे. इस वर्ष लगभग 20 लाख पौधे उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.

जानकारी देते संवाद (ईटीवी भारत)



खनन करने आए थे, पर नेतरहाट में बन गए उन्नत किसान

आंध्र प्रदेश से राम राजू और उनके भाई श्रीनिवास राजू की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है. दरअसल राम राजू अपने चाचा के साथ नेतरहाट के आसपास स्थित बॉक्साइट खदान में रेजिंग का कार्य करने आए थे. रेजिंग का कार्य करने के बाद संवेदक के द्वारा उन्हें पैसे देने में देर की जाने लगी. पैसे मिलने के इंतजार में राम राजू नेतरहाट में ही रुक गए थे.

खेत में तैयार स्ट्रॉबेरी के पौधे (ईटीवी भारत)

राम राजू के परिवार वाले आंध्र प्रदेश में भी अच्छी खेती करते थे. इसलिए उन्हें खेती और मौसम की भी जानकारी थी. जब ठेकेदार के द्वारा पैसे देने में ज्यादा देर की जाने लगी तो राम राजू ने नेतरहाट के कुछ किसानों के साथ मिलकर थोड़ी सी भूमि में खेती शुरू की, ताकि उनके रहने खाने का खर्च निकल सके. लेकिन जब खेती में उन्हें अच्छा मुनाफा हो गया तो उन्होंने अपने भाई श्रीनिवास राजू को भी नेतरहाट बुला लिया. इसके बाद दोनों भाइयों ने नेतरहाट में उन्नत कृषि की संभावना को तलाशते हुए स्थानीय किसानों से लगभग 10 एकड़ जमीन लीज पर ले ली. इसके बाद दोनों भाइयों ने यहां खेती आरंभ की.

स्ट्रॉबेरी के पौधे (ईटीवी भारत)
मेहनत लाई रंग और बन गए उन्नत किसान

राम राजू और उनके भाई श्रीनिवास राजू की मेहनत ने रंग लाई और धीरे-धीरे दोनों भाई उन्नत किसान के रूप में चर्चित हो गए. पिछले 5 वर्षों से उन्होंने नेतरहाट में स्ट्रॉबेरी के पौधों की नर्सरी आरंभ की थी. यह नर्सरी भी अब देश भर में चर्चित हो गया है. इस संबंध में राम राजू ने बताया कि पहले यहां के लोग दूसरे राज्यों से स्ट्रॉबेरी के पौधे मंगवाते थे. जो उन्हें काफी महंगा पड़ता था. परंतु अब नेतरहाट में ही आसानी से स्ट्रॉबेरी के पौधे मिलने के कारण झारखंड के ही विभिन्न हिस्सों में स्ट्रॉबेरी की खेती होने लगी. वहीं श्रीनिवास राजू ने बताया कि वर्तमान समय में उनके नर्सरी से देश के विभिन्न राज्यों में स्ट्रॉबेरी के पौधे जाते हैं. राजू बताते हैं कि पिछले साल उन्होंने 8 लाख पौधों का उत्पादन किया था, उसमें उन्हें करीब 10 लाख रुपए कमाए थे. इस वर्ष उन्होंने लगभग 20 लाख पौधों के उत्पादन का लक्ष्य है.

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