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आधा दर्जन निर्दलीय उम्मीदवारों ने बढ़ाई महागठबंधन और NDA कैंडिडेट्स की टेंशन, वोटबैंक में सेंधमारी का डर - Lok Sabha election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

बिहार की 40 सीटों में से कई सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों से ज्यादा फेमस और जिताऊ कैंडिडेट निर्दलीय नजर आ रहे हैं. क्षेत्र में उनकी हवा देखकर हर कोई चर्चा करने पर मजबूर है. निर्दलीय उम्मीदवार बिहार की आधा दर्जन सीटों पर जलवा बिखेर रहे हैं फिर चाहे पवन सिंह हों, हिना शहाब हों, पप्पू यादव हों या फिर ददन पहलवान. पार्टी प्रत्याशी इनके नाम से ही टेंशन में आ जा रहे हैं.

LOK SABHA ELECTION 2024
LOK SABHA ELECTION 2024 (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 16, 2024, 8:14 PM IST

निर्दलीय कैंडिडेट बने मुसीबत (Etv Bharat)

पटना : लोकसभा चुनाव 2024 में क्या आरजेडी, क्या बीजेपी, क्या नीतीश कुमार जेडीयू, बड़ी-बड़ी पार्टियों को निर्दलीय उम्मीदवार यहां कड़ी टक्कर देते दिखाई दे रहे हैं. पार्टी प्रत्याशियों से ज्यादा सशक्त यहां के निर्दलीय उम्मीदवार हैं, यही वजह है कि पार्टी के प्रत्याशी निर्दलियों की दावेदारी से टेंशन में हैं. क्योंकि एक ओर जहां ये प्रत्याशी उनके वोटबैंक में सेंध लगा रहे हैं वहीं दूसरी ओर लोगों का समर्थन भी बेशुमार मिल रहा है.

मोदी लहर में लगी थी नैया पार: लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में नरेंद्र मोदी के लहर की बदौलत एनडीए के उम्मीदवारों ने बिहार के ज्यादातर सीटों पर दोनों चुनाव में जीत हासिल की थी. 2024 का चुनाव निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए अवसर लेकर आया है. कई सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने राजनीतिक दलों को परेशानी में डाल दिया है. 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को 32 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, तो 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को 39 सीटों पर जीत हासिल हुई. 2024 के चुनाव में भी एनडीए ने 40 सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है. लेकिन कुछ ऐसे निर्दलीय कैंडिडेट हैं जो एनडीए और महागठबंधन के लिए मुसीबत बने हुए हैं.

निर्दलियों ने दी धाकड़ चुनौती : इधर महागठबंधन भी मजबूती के साथ चुनाव के मैदान में है. लालू प्रसाद यादव ने जातिगत आधार पर उम्मीदवार खड़े कर एनडीए के लिए मुश्किलें पैदा कर दी हैं. लालू प्रसाद यादव ने ऐसे जाति के उम्मीदवार को मैदान में उतार दिया है, जो एनडीए का पारंपरिक वोट माना जाता है. 2024 के चुनाव में कई सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है. वह लड़ाई में दिख रहे हैं. आधी दर्जन से ज्यादा लोकसभा की सीट ऐसी है जिस पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने या तो एनडीए को मुश्किल में डाल दिया है या फिर महागठबंधन संकट में है.

पप्पू यादव (Etv Bharat)

निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव: सशक्त निर्दलीय उम्मीदवार की अगर बात कर लें तो पूर्णिया से पप्पू यादव, नवादा से विनोद यादव और गुंजन सिंह, सिवान से हिना शहाब और जीवन यादव, सारण सीट पर चोकर बाबा, जहानाबाद से आशुतोष कुमार, काराकाट से पवन सिंह, बक्सर से आनंद मिश्रा और ददन पहलवान ने राजनीतिक दलों को चिंता में डाल दिया है. पूर्णिया और नवादा लोकसभा सीट पर चुनाव हो चुके हैं.

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नवादा में विनोद यादव का दबदबा : पूर्णिया लोकसभा सीट पर पप्पू यादव ने मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है. पप्पू यादव ने एनडीए और महागठबंधन दोनों दलों को कड़ी चुनौती दी है. दोनों गठबंधन को पप्पू यादव से लड़ने में नाकों चने चबाने पड़े. नवादा लोकसभा सीट पर विनोद यादव ने जहां राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार श्रवण कुशवाहा के लिए मुश्किल खड़ी की, वहीं गुंजन सिंह ने एनडीए उम्मीदवार विवेक ठाकुर को मुश्किल में डाला.

हिना शहाब (Etv Bharat)

सिवान में हिना शहाब का जलवा : सिवान लोकसभा सीट भी एनडीए और महागठबंधन के लिए सरदर्द बना हुआ है. दिवंगत बाहुबली नेता शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं, तो जीवन यादव भी मजबूती से चुनाव के मैदान में हैं. एनडीए ने विजयलक्ष्मी को मैदान में उतारा है. महागठबंधन की ओर से अवध बिहारी चौधरी मैदान में हैं. बक्सर लोकसभा सीट भी निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए अखाड़ा बन चुकी है. कुल मिलाकर 27 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं.

आनंद मिश्रा (Etv Bharat)

IPS आनंद मिश्रा बने चुनौती: भाजपा ने मिथिलेश तिवारी को बक्सर के मैदान में उतारा है. राष्ट्रीय जनता दल की ओर से सुधाकर सिंह मैदान में हैं. भाजपा के लिए पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा ने भाजपा की चिंता बढ़ा दी है. उन्होंने नामांकन का प्रचार दाखिल कर दिया है. आनंद मिश्रा खुद को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सदस्य मानते हैं. भाजपा के कई कार्यकर्ता उनके साथ घूम रहे हैं. ददन पहलवान राष्ट्रीय जनता दल उम्मीदवार सुधाकर सिंह के लिए सिरदर्द बन चुके हैं.

ददन यादव (Etv Bharat)

ददन पहलवान का दम: ददन पहलवान पिछले कई लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर डेढ़ लाख वोट हासिल करते हैं. इतना ही वोट हर बार राष्ट्रीय जनता दल के लिए हार का कारण बन जाता है. जहानाबाद लोकसभा सीट पर सबसे अधिक निर्दलीय उम्मीदवार ने नामांकन का पर्चा दाखिल किया है. एनडीए की ओर से चंदेश्वर चंद्रवंशी उम्मीदवार हैं, तो राष्ट्रीय जनता दल ने पूर्व मंत्री सुरेंद्र यादव को मैदान में खड़ा किया है. निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर आशुतोष कुमार दोनों ही गठबंधन का खेल बिगाड़ रहे हैं.

पवन सिंह (Etv Bharat)

पावर स्टार पवन सिंह का निर्दलीय पावर: काराकाट लोक सभा सीट अभी हॉट सीट बनी हुई है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माले के द्वारा पूर्व विधायक राजाराम को मैदान में उतारा गया है. एनडीए की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा मैदान में है. दोनों का खेल बिगड़ने के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पावर स्टार पवन सिंह मैदान में हैं. पवन सिंह को स्टारडम के नाम पर सभी जाति वर्ग का समर्थन हासिल हो रहा है.

राष्ट्रीय जनता दल प्रवक्ता एजाज अहमदने कहा है कि ''निर्दलीय उम्मीदवार को सत्ताधारी दल हथियार के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं. हालांकि इस बार ऐसा होने वाला नहीं है. निर्दलीय उम्मीदवार वोट कटवा साबित होने वाले हैं. तेजस्वी यादव के नीतियों और विकास कार्यों के बदौलत महागठबंधन के उम्मीदवारों की जीत होगी और निर्दलीय उम्मीदवार हवा हवाई साबित होने वाले हैं.''

भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि ''देश में नरेंद्र मोदी की लहर है. मोदी के नाम पर मतदाता वोट कर रहे हैं. निर्दलीय उम्मीदवार कहीं भी सफल नहीं होने वाले हैं. बिहार की सभी 40 सीटों पर हमारी जीत होगी. अंततः निर्दलीय उम्मीदवार वोट कटवा साबित होने वाले हैं.''

वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी का मानना है कि ''आधी दर्जन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं. दोनों ही गठबंधन के नेता निर्दलीय से निपटने की कोशिश में जुटे हैं. इस बार एक चीज और देखने को मिली है कि सत्ताधारी दल के सांसद के खिलाफ जबरदस्त एंटी इनकंबेंसी फैक्टर है. जगह-जगह पर उनका विरोध भी हो रहा है. उम्मीदवारों से निराश होकर भी जनता निर्दलीय उम्मीदवार में संभावना तलाश रही है.''

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