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मणिपुर में हिंसा को फैलने से रोकने के लिए सतर्क रहें: गृह मंत्रालय - MANIPUR VIOLENCE

असम में किसी भी अशांति को फैलने से रोकने के लिए नदी के किनारे गश्त सहित चौबीसों घंटे गश्त बढ़ा दी गई है. ईटीवी भारत संवाददाता गौतम देबराय की रिपोर्ट

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मणिपुर की तस्वीर (फाइल) (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 19, 2024, 11:03 PM IST

Updated : Nov 19, 2024, 11:08 PM IST

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने असम, मिजोरम और नागालैंड में अलर्ट जारी किया है. इन तीनों राज्यों में कानून लागू करने वाली एजेंसियों से मणिपुर में हिंसा के किसी भी संभावित खतरे को रोकने के लिए सतर्क रहने को कहा है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि, सभी राज्य सरकारों को मणिपुर के साथ अपनी सीमा पर कड़ी निगरानी रखने को कहा गया है. केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को भी इस दिशा में राज्य सरकारों की सहायता करने को कहा गया है. मणिपुर के कुकी और मैतेई समुदाय के लोग इन तीनों राज्यों में रहते हैं.

अधिकारी ने रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि, तीनों राज्य हिंसा प्रभावित मणिपुर के लोगों को आश्रय देते हैं, लेकिन बड़े पैमाने पर लोगों का पलायन नहीं हुआ है. बता दें कि, असम के कछार जिले की सीमा से लगे मणिपुर के जिरीबाम जिले में बढ़ती हिंसा के बाद, असम पुलिस ने अंतर-राज्यीय सीमा पर सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए हैं. सूत्रों के अनुसार, असम में किसी भी अशांति को फैलने से रोकने के लिए नदी के किनारे गश्त सहित चौबीसों घंटे गश्त बढ़ा दी गई है.

कछार पुलिस ने अपने 'एक्स' हैंडल में कहा कि, कछार पुलिस ने बराक नदी के किनारे लगातार नदी गश्त शुरू की, जिससे अस्थिर असम-मणिपुर सीमा पर एक सुरक्षित और रणनीतिक माहौल बना है. कछार पुलिस ने सार्वजनिक सुरक्षा को मजबूत करने और सामुदायिक कल्याण के लिए सुरक्षा बढ़ाने के लिए असम-मणिपुर सीमा पर जिरी नदी पुल से एक रणनीतिक सड़क मार्च भी शुरू किया है, जो गांवों से होकर गुजर रहा है. हाल ही में, संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा अपहृत एक मैतेई महिला का शव बराक नदी में तैरता हुआ पाया गया था. मिजोरम का चम्फाई जिला मणिपुर के साथ अपनी सीमा साझा करता है जबकि नगालैंड का फेक जिला मणिपुर के साथ अपनी सीमा साझा करता है.

आंकड़ों के अनुसार, मणिपुर के 7 हजार से अधिक लोगों ने मिजोरम के विभिन्न हिस्सों में शरण ली है. पिछले साल 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद ज्यादातर कुकी-जोमी-हमार-मिजो समुदाय के लोग मिजोरम भाग गए थे. इसी तरह, हिंसा प्रभावित मणिपुर के करीब 6 हजार लोगों ने नगालैंड में शरण ली है.

इस बीच, कुकी-झो-हमार समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाली जनजातीय एकता समिति ने मंगलवार को भारत सरकार से क्षेत्र में स्थायी शांति और स्थिरता के लिए अल्पसंख्यक कुकी-जो समुदाय को संवैधानिक संरक्षण सुनिश्चित करके वर्तमान राजनीतिक उथल-पुथल को शांत करने के लिए राजनीतिक रूप से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया.

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Last Updated : Nov 19, 2024, 11:08 PM IST

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