नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने असम, मिजोरम और नागालैंड में अलर्ट जारी किया है. इन तीनों राज्यों में कानून लागू करने वाली एजेंसियों से मणिपुर में हिंसा के किसी भी संभावित खतरे को रोकने के लिए सतर्क रहने को कहा है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि, सभी राज्य सरकारों को मणिपुर के साथ अपनी सीमा पर कड़ी निगरानी रखने को कहा गया है. केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को भी इस दिशा में राज्य सरकारों की सहायता करने को कहा गया है. मणिपुर के कुकी और मैतेई समुदाय के लोग इन तीनों राज्यों में रहते हैं.
अधिकारी ने रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि, तीनों राज्य हिंसा प्रभावित मणिपुर के लोगों को आश्रय देते हैं, लेकिन बड़े पैमाने पर लोगों का पलायन नहीं हुआ है. बता दें कि, असम के कछार जिले की सीमा से लगे मणिपुर के जिरीबाम जिले में बढ़ती हिंसा के बाद, असम पुलिस ने अंतर-राज्यीय सीमा पर सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए हैं. सूत्रों के अनुसार, असम में किसी भी अशांति को फैलने से रोकने के लिए नदी के किनारे गश्त सहित चौबीसों घंटे गश्त बढ़ा दी गई है.
कछार पुलिस ने अपने 'एक्स' हैंडल में कहा कि, कछार पुलिस ने बराक नदी के किनारे लगातार नदी गश्त शुरू की, जिससे अस्थिर असम-मणिपुर सीमा पर एक सुरक्षित और रणनीतिक माहौल बना है. कछार पुलिस ने सार्वजनिक सुरक्षा को मजबूत करने और सामुदायिक कल्याण के लिए सुरक्षा बढ़ाने के लिए असम-मणिपुर सीमा पर जिरी नदी पुल से एक रणनीतिक सड़क मार्च भी शुरू किया है, जो गांवों से होकर गुजर रहा है. हाल ही में, संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा अपहृत एक मैतेई महिला का शव बराक नदी में तैरता हुआ पाया गया था. मिजोरम का चम्फाई जिला मणिपुर के साथ अपनी सीमा साझा करता है जबकि नगालैंड का फेक जिला मणिपुर के साथ अपनी सीमा साझा करता है.