देहरादून (उत्तराखंड): हर साल 8 मार्च को विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य है कि महिला सशक्तिकरण, महिलाओं की उन्नति और विकास को बढ़ावा दिया जा सके. हर साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने के लिए अलग-अलग कैंपेन थीम तैयार की जाती है, जिस थीम के आधार पर महिला दिवस मनाया जाता है. इसी क्रम में इस साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की कैंपेन थीम इंस्पायर इंक्लुजन (Inspire Inclusion) रखा गया है. जिसका अर्थ "महिलाओं के महत्व के प्रति लोगो को जागरूक करना" है.
हर क्षेत्र में महिलाओं कर रही प्रतिनिधित्व:हर क्षेत्र में महिलाएं बढ़-चढ़ कर आगे बढ़ रही हैं. मौजूदा समय में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां महिलाओं का प्रतिनिधित्व न हो. देश के लिए एक सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि देश की पहली नागरिक यानी राष्ट्रपति एक महिला है. वहीं, उत्तराखंड राज्य की बात करें तो प्रदेश के तमाम शीर्ष पदों पर महिलाएं विराजमान हैं. विधानसभा अध्यक्ष महिला होने के साथ ही मुख्य सचिव भी महिला ही है. इसके अलावा प्रदेश के विधायकों, लोकसभा सांसदों के साथ ही राज्यसभा सांसदों में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व है. देहरादून जिला प्रशासन की कमान भी महिला के हाथों में ही है.
महिला अधिकारी निभा रही अहम जिम्मेदारी:प्रदेश के जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन में तैनात अधिकारियों को देखे तो तमाम महिलाओं को जिलों की कमान सौंपी गई है. यानी, समय के साथ साथ महिलाओं का प्रतिनिधित्व लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रदेश के चार जिलों के प्रशासन की कमान महिलाओं के हाथों में है. इसी क्रम में पुलिस प्रशासन में भी कुछ महिला आईपीएस जिलों की जिम्मेदारी संभालने के बाद अब बड़े पदों पर तैनात हैं. हर क्षेत्र में लगातार बढ़ रही महिलाओं की भागीदारी, अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत हैं. जिनमें से ये आईएएस और पीसीएस अधिकारी प्रदेश को गति देने में अहम भूमिका निभा रहे हैं.
देहरादून डीएम सोनिका:देहरादून जिले की मौजूदा जिलाधिकारी सोनिका, 2010 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. सोनिका कुछ साल पहले देहरादून की अपर जिलाधिकारी भी रह चुकी हैं. इसके बाद शासन में बतौर अपर सचिव कई विभागों को संभाल चुकी है. इसके बाद जुलाई 2022 को तत्कालिक जिलाधिकारी आर राजेश कुमार को हटाकर सोनिका को देहरादून जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई. सोनिका, देहरादून स्मार्ट सिटी की सीईओ भी हैं.
नैनीताल डीएम वंदना सिंह: वंदना सिंह 2012 बैच की आईएएस अधिकारी है. वंदना सिंह की पहली पोस्टिंग पिथौरागढ़ जिले में सीईओ पद पर हुई थी. पिथौरागढ़ जिले की सबसे पहली महिला सीडीओ वंदना सिंह बनी थी. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की ब्रांड एंबेसडर रही वंदना सिंह को नवंबर 2020 को कुमाऊं मंडल विकास निगम के एमडी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इसके बाद ग्रामीण विकास विभाग में अपर सचिव और साल 2021 में अल्मोड़ा जिले का जिलाधिकारी बनाया गया. इसके बाद मई 2023 को नैनीताल जिले की कमान सौंपी गई.
बागेश्वर डीएम अनुराधा पाल: अनुराधा पाल 2015 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. अनुराधा पाल एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हैं. इनके पिता ने दूध बेचकर अपने बच्चों का भरण पोषण किया है. जिसके चलते अनुराधा ने पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को भी पढ़ाया ताकि अपनी कोचिंग की फीस भर सके.साल 2008 में उनका इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद एक निजी कंपनी में सिलेक्शन हो गया. लेकिन आईएएस बनने के जुनून के चलते नौकरी छोड़ दी. फिर 2015 में अनुराधा को सफलता मिली. अनुराधा, पिथौरागढ़ में सीडीओ के पद पर तैनात रह चुकी हैं. इसके बाद अनुराधा को अगस्त 2023 में बागेश्वर जिले की कमान सौंपी गई.