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ज्ञानवापी परिसर में गूंजा नारा ए तकबीर अल्लाह हू अकबर, जुटे डेढ़ हजार से ज्यादा लोग

Allah Hu Akbar Echoed in Gyanvapi Campus: मस्जिद में इबादत के दौरान कुरान ए पाक की तिलावत भी हुई. तकरीर में ज्ञानवापी सर्वे व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ और कोर्ट के फैसले को लेकर भी बातचीत हुई.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 8, 2024, 12:27 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में व्यास जी के तहखाने में पूजा का अधिकार मिलने के बाद बुधवार देर रात तक पहली बार बड़ी संख्या में अकीदतमंदों की मौजूदगी हुई. नारा ए तकबीर अल्लाह हू अकबर के नारे बुलंद हुए. लगभग डेढ़ हजार से ज्यादा लोगों के जुटान के बीच शब ए मेराज की महफिल सजाई गई थी. इस दौरान मौलाना की तरफ से तकरीर में एसआई सर्वे रिपोर्ट के बाद आए कोर्ट के फैसले को लेकर भी चर्चा हुई. शांति व्यवस्था बनाकर समझदारी से काम लेने की भी अपील की गई.

दरअसल, मस्जिद में इबादत के दौरान कुरान ए पाक की तिलावत भी हुई. तकरीर में ज्ञानवापी सर्वे व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ और कोर्ट के फैसले को लेकर भी बातचीत हुई. तकरीर पढ़ने वाले उलेमा ए किराम नई पुरानी किंवदंतियों से ज्ञानवापी मस्जिद को जोड़ते हुए अपनी बातों को रखा. लगभग 8 घंटे चली रकात में नबी ए दुरुद के बीच नारा ए तकबीर के नारे गूंजे. जलसे के दौरान डीसीपी काशी से लेकर बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी रही.

शब ए मेराज पर जलसे के इंतजाम के बीच डीसीपी काशी जोन प्रमोद कुमार एडीसीपी चंद्रकांत मीणा के साथ केंद्रीय सुरक्षा बल भी मौजूद रहा. मस्जिद में रात 8:00 बजे से लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था. गेट नंबर 4 से सभी को अंदर एंट्री दी गई थी और यह महफिल देर रात तक सजी रही. हालांकि, इस बार हर साल की तुलना में ज्यादा संख्या में यहां पर अकीदतमंदों का जुटान हुआ था. युवाओं की संख्या बुजुर्गों से कहीं ज्यादा दिखाई दी.

शब ए मेराज का उत्सव दीनी लोग पैगंबर मोहम्मद साहब के जीवन का प्रमुख हिस्सा मानते हैं. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक पर्व रजब महीने की 27वीं तारीख को मनाया जाने वाले इस उत्साह उत्सव को बेहद पवित्र माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन पैगंबर मोहम्मद साहब को इसरा और मेराज की यात्रा करते समय अल्लाह के होने का अनुभव हुआ था. इसी यात्रा के पहले हिस्से को इसरा कहते हैं जबकि दूसरे हिस्से को मेराज कहते हैं.

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