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सीताराम येचुरी के परिवार ने उनका पार्थिव शरीर AIIMS को किया दान, जानें रिसर्च और टीचिंग में कैसे आएगी काम ? - CPIM Secretory - CPIM SECRETORY

Sitaram Yechury Died: CPIM महासचिव सीताराम येचुरी का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को नई दिल्ली स्थित AIIMS में निधन हो गया. उनका 19 अगस्त से एम्स में उपचार चल रहा था.

सीताराम येचुरी
सीताराम येचुरी (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 12, 2024, 5:28 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी के परिवार ने आज उनके निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को टीचिंग और रिसर्च के उद्देश्य से नई दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) को दान कर दिया है.

इससे पहले एम्स ने पुष्टि की कि 72 वर्षीय येचुरी का गंभीर श्वसन संक्रमण से जूझने के बाद दोपहर 3 बजकर 5 मिनट पर निधन हुआ. एम्स ने एक विज्ञप्ति में कहा, "परिवार ने उनके पार्थिव शरीर को टीचिंग और रिसर्च के उद्देश्य से नई दिल्ली स्थित एम्स को दान कर दिया है."

19 अगस्त से चल रहा था एम्स में उपचार
सीपीआई(एम) महासचिव का 19 अगस्त से एम्स में उपचार चल रहा था. उन्हें निमोनिया जैसे सीने के संक्रमण के कारण भर्ती कराया गया था. इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) में रखे जाने और डॉक्टरों की एक टीम द्वारा निगरानी किए जाने के बावजूद, हाल के दिनों में येचुरी की हालत बिगड़ती गई.

सीपीआई(एम) ने गुरुवार को कहा, "हम बहुत दुख के साथ सूचित करते हैं कि सीपीआईएम महासचिव, हमारे प्रिय कॉमरेड सीताराम येचुरी का आज 12 सितंबर को नई दिल्ली एम्स में निधन हो गया.हम कॉमरेड येचुरी को दिए गए उत्कृष्ट उपचार और देखभाल के लिए डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और संस्थान के निदेशक को धन्यवाद देते हैं."

शरीर का दान कैसे मेडिकल और रिसर्च में करता है मदद
शरीर दान करना एक निस्वार्थ कार्य है जो हेल्थ सर्विस और मेडिकल प्रोसेस के लिए भविष्य में लाभ पहुंचाता है. वहीं, दान किए गए शरीर का इस्तेमाल मेडिकल छात्र और पेशेवर मानव शरीर रचना का विस्तार से अध्ययन के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

इसके अलावा दान किए गए शरीर का इस्तेमाल सर्जन और चिकित्सा व्यवसायी नई तकनीकों का अभ्यास करने, मौजूदा प्रक्रियाओं को रिफाइन करने और सुरक्षित सर्जिकल मेडिकल मैथड को विकसित करने के लिए भी दान किए गए शरीर का उपयोग किया जाता है.

वैज्ञानिक और शोधकर्ता दान किए गए शरीर का उपयोग बीमारियों का पता लगाने, विभिन्न अंगों पर चिकित्सा स्थितियों के प्रभावों का अध्ययन करने और नए उपचार या दवाएं विकसित करने के लिए करते हैं.

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