रामनगर: रामनगर के 60 वर्षीय चंद्रसेन कश्यप पिछले 45 वर्षों से कांवड़ यात्रा करते आ रहे हैं. वो हरिद्वार से जल भरकर पैदल रामनगर पहुंचते हैं. वहीं इस बार चंद्रसेन कश्यप की किडनीयों में दिक्कत आ गयी है. इसके चलते डॉक्टरों ने उन्हें डायलिसिस के लिए बोला है. आर्थिक स्थिति सही न होने के चलते कश्यप अपना डायलिसिस नहीं करवा रहे हैं. लेकिन भोले की भक्ति ऐसी है कि तबीयत खराब होने के बाद भी वो कांवड़ यात्रा पर निकल गए हैं. चंद्रसेन कश्यप का कहना है कि भगवान भोलेनाथ को जो मंजूर होगा वो देखा जाएगा.
रामनगर से गंगाजल लेने हरिद्वार रवाना हुए शिव भक्त, किडनी की बीमारी में डायलिसिस छोड़ इसने उठाई कांवड़ - चंद्रसेन कश्यप
Kanwariyas left for Haridwar to bring Ganga water from Ramnagar 8 मार्च को महाशिवरात्रि है. वैसे तो कांवड़ यात्रा जुलाई में है. लेकिन भगवान भोले के उत्साही भक्त महाशिवरात्रि पर भी कांवड़ यात्रा करते हैं. रामनगर का एक शख्स किडनी की बीमारी के बाद मिले कंपलीट बेड रेस्ट के बावजूद कांवड़ यात्रा पर हरिद्वार के लिए निकल गया है. इस शख्स का कहना है कि उन्होंने सब कुछ भोलेनाथ पर छोड़ दिया है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Mar 2, 2024, 7:33 AM IST
|Updated : Mar 2, 2024, 11:31 AM IST
महाशिवरात्रि के लिए कांवड़ यात्रा: आपको बता दें कि महाशिवरात्रि पर्व इस बार आगामी 8 मार्च को पूरे उल्लास के साथ मनाया जाएगा. महाशिवरात्रि पर्व को लेकर रामनगर में स्थित माता बाल सुंदरी देवी मंदिर पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता है. हरिद्वार से पवित्र गंगाजल लेकर पहुंचे भोले के भक्त गूलर सिद्ध बाबा के अलावा नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सभी शिवालयों में जलाभिषेक करने के बाद अपने घरों को रवाना होते हैं.
8 मार्च को है महाशिवरात्रि: रामनगर से भी बड़ी संख्या में शिव भक्त हरिद्वार के लिए रवाना हुए. सभी शिव भक्त हरिद्वार से अपनी कावड़ में पवित्र गंगाजल भरकर 7 मार्च को रामनगर पहुंचेंगे. यहां उनका जगह-जगह पर भव्य स्वागत भी किया जाएगा. 8 मार्च को महाशिवरात्रि पर सभी शिव भक्त शिव मंदिरों में पूजा अर्चना के बाद जलाभिषेक करेंगे. भगवान भोले की आराधना करने के उपरांत वो अपने घरों को रवाना होंगे. महाशिवरात्रि पर्व को लेकर प्रशासन द्वारा भी तैयारी शुरू कर दी गई है.
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