नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आने के 3 दिन बाद भी मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं हो सका है. खबर के मुताबिक, इसके लिए बीजेपी जल्द ही महाराष्ट्र के लिए पर्यवेक्षकों के नाम का ऐलान करेगी जो विधायकों से रायशुमारी करके सीएम के नाम का ऐलान करेंगे. बहरहाल बीजेपी सूत्रों के मुताबिक सीएम किस पार्टी को होगा ये तय करने में कोई विवाद नहीं है.
ये पर्यवेक्षक महाराष्ट्र के बीजेपी विधायक दल की बैठक में विधायक दल के नेता के नाम पर सभी पार्टी एमएलए से चर्चा करेंगे और आगे का फैसला करेंगे. सूत्रों की माने तो बीजेपी के विधायक दल की बैठक से पहले ही बीजेपी महायुति के सहयोगियों से चर्चा करके, मुख्यमंत्री किस दल का होगा ये तय कर लेगी.
बीजेपी सूत्रो का कहना है कि, चुनाव इतनी बड़ी जीत के बाद बीजेपी कार्यकर्ता चाहते हैं कि महाराष्ट्र में बीजेपी से ही मुख्यमंत्री बने. वहीं सूत्रों की माने तो बीजेपी शीर्ष नेतृत्व का यह भी मानना है कि, महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के चयन के वक्त बीजेपी कार्यकर्ताओं की इस भावना का भी ख्याल रखा जाएगा.
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले से बातचीत (ETV Bharat) इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि, जिस तरह से भाजपा को ज्यादा सीटें मिली हैं उसे देखते हुए मुख्यमंत्री भाजपा का ही बनना चाहिए. उन्होंने कहा कि, सीएम पद के लिए देवेंद्र फडणवीस की दावेदारी सबसे ज्यादा बनती है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, चाहे वह अजीत पावर हों या एकनाथ शिंदे, सभी की रजामंदी से ही राज्य का नया मुख्यमंत्री तय होगा. उन्होंने अपनी राय रखते हुए कहा कि, एकनाथ शिंदे को केंद्र में लाना चाहिए.
इसी संबंध में देरी को लेकर पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा कि, भाजपा का शीर्ष नेतृत्व बातचीत कर रहा है और वे जल्दी ही इस पर फैसला करेगी. इस सवाल पर कि, अंदरखाने महायुति की सहयोगी पार्टियों ढाई-ढाई साल सत्ता की भी बात कर रही है. इस सवाल का जवाब देते हुए आठवले ने कहा कि, अगर इस पर सहमती बनती है तो यह भी सही है. उन्होने आगे कहा कि, गठबंधन की पार्टियों साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार चलाएंगी.
सूत्रों की माने तो भाजपा इस बात पर भी गौर कर रही कि, अगर राज्य में मुंबई नगर पालिका के चुनाव से भी शिवसेना (यूबीटी) का सफाया हुआ तो शिंदे की शिवसेना का भविष्य का रास्ता साफ हो जायेगाऔर बीजेपी की राह का रोड़ा भी हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा.
वहीं दूसरी तरफ भाजपा सूत्रों की माने तो बीजेपी इस चुनाव परिणाम के माध्यम से उद्धव ठाकरे की हार को अहंकार की हार बताकर प्रचारित भी करने के मूड में नजर आ रही है, ताकि भविष्य के चुनावों में भी इस हार की याद दिलाती रहे. सूत्रों की माने तो संभावना है शिंदे को PWD मंत्रालय दिया जायेगा जबकि अजित पवार को वित्त मंत्रालय दिया जा सकता है और डिप्टी सीएम का भी पद संभाल सकते है. वहीं पार्टी सूत्रों की माने तो गृह विभाग हमेशा की तरह बीजेपी के पास ही रहेगा. इस मतलब यह हुआ कि, देवेंद्र फडणवीस ही गृह मंत्रालय भी संभाल सकते हैं.
जहां तक बात एकनाथ शिंदे को केंद्र में लाने की चर्चा पर है तो भाजपा फिलहाल ऐसा कुछ नहीं चाहती है. वह इसलिए क्योंकि आनेवाले समय में कई चुनाव हैं. ऐसा संभव है कि, स्थानीय निकाय के चुनावों में उद्धव सेना एक बार फिर असली और नकली शिवसेना की बात छेड़ सकती है. जिसके लिए एकनाथ शिंदे का महाराष्ट्र में डटकर रहना महायुति के लिए फायदेमंद साबित होगा.
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