लखनऊ : शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी एक बार फिर अपनी पहचान बदलकर चर्चा में आ गए हैं. अब उनका नाम 'ठाकुर जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर' हो गया है. सनातन धर्म अपनाने के बाद रिजवी ने साल 2021 में अपना नाम बदलकर 'जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी' रखा था. अब उन्होंने 'सेंगर' उपनाम अपना लिया है.
जितेंद्र उर्फ वसीम का सनातन धर्म में शामिल होने पर श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर और डासना देवी मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिंहानंद ने उनका दीक्षा समारोह कराया था. इसके बाद उनका नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी रख दिया गया था. अब करीब 3 साल बाद जितेंद्र का कहना है कि यति नरसिंहानंद से विचारों से मेल न खाने के कारण उन्होंने 2 साल पहले ही उनसे संबंध तोड़ लिया था. यति का आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद के प्रति रुख उन्हें असहज करता था. इसकी वजह से उन्होंने उनसे दूरी बना ली.
नए नाम में 'सेंगर' उपनाम जोड़ने के पीछे का कारण बताते हुए जितेंद्र ने कहा कि उनकी पुरानी मित्रता गुरुकुल कांगरी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर प्रभात सिंह सेंगर से है. प्रभात सिंह ने उन्हें अपने परिवार में शामिल करने का प्रस्ताव दिया. इसे उन्होंने स्वीकार कर लिया. प्रभात की मां यशवंत कुमारी सेंगर ने कानूनी हलफनामे के जरिए उन्हें अपना बेटा माना. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि संपत्ति में उनका कोई हक नहीं होगा.