नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी अंकित तिवारी को अंतरिम जमानत दे दी, जिन्हें तमिलनाडु में सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) ने 20 लाख रूपये की रिश्वत के आरोपों के बाद गिरफ्तार किया था.
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अमित आनंद तिवारी ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष तमिलनाडु सरकार का प्रतिनिधित्व किया. पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने उसे नियमित जमानत देने से इनकार करने के 20 दिसंबर, 2023 के आदेश को चुनौती दी है. राज्य के वकील ने बताया कि अभी तक पेपर बुक की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई है, जिसका याचिकाकर्ता के वकील ने जोरदार खंडन किया.
पीठ ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता के वकील कल तक उनके द्वारा दायर नई याचिका सहित पेपर-बुक्स का एक पूरा सेट सौंपने के लिए सहमत हैं, और राज्य द्वारा दो सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दायर किया जाएगा. न्यायमूर्ति कांत ने कहा, 'हम अंतरिम जमानत दे रहे हैं'.
सिब्बल ने कहा, 'यह ठीक है, यदि आपका आधिपत्य अनुदान दे रहा है'. तिवारी ने कहा कि अगर अदालत अंतरिम जमानत दे रही है, तो हम रास्ते में नहीं आ रहे हैं'.
न्यायमूर्ति कांत ने कहा, 'इस बीच, याचिकाकर्ता को ट्रायल कोर्ट में जमानत बांड प्रस्तुत करने की शर्त पर अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है'. तिवारी ने दबाव डाला कि याचिकाकर्ता पर शर्तें लगाई जानी चाहिए. एक तो उसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से गवाहों और अन्य व्यक्तियों से संपर्क नहीं करना चाहिए, और उसे अपना स्थानीय पोस्टिंग स्टेशन नहीं छोड़ना चाहिए'.