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बाघों को बसाने गांव में मनी आखिरी दिवाली, विस्थापितों के दर्द से भावुक गोपाल भार्गव, कहा- 'चल उड़ जा रे पंछी'

नौरादेही टाइगर रिजर्व के पटना मोहली गांव में आखिरी दिवाली मनी. टाइगरों को बसाने के लिए गांव के लोग यहां से विस्थापित कर दिए जाएंगे.

LAST DIWALI IN MOHALI VILLAGE
मोहली गांव में आखिरी दिवाली (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 5 hours ago

Updated : 5 hours ago

सागर: जिस धरती पर जन्म लिया हो, जिस गांव की गलियों में बचपन बीता हो और जहां के खेतों में खून पसीना बहाकर जीवन यापन किया हो. अगर उस जगह को मजबूरी में छोड़ना पड़े, तो इससे बड़ा पलायन का दर्द कोई दूसरा हो नहीं सकता है. ऐसे ही दर्द से नौरादेही टाइगर रिजर्व के अंदर बसे गांव गुजर रहे हैं. क्योंकि नौरादेही अभयारण्य को एक साल पहले टाइगर रिजर्व का दर्जा दे दिया गया है और यहां बसे गांवों को विस्थापित किया जा रहा है. इसी कड़ी में पटना मोहली गांव में विस्थापन के पहले आखिरी दिवाली मनाई गयी. जिसमें स्थानीय विधायक और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव शामिल हुए. आयोजन में गोपाल भार्गव ने गांव के लोगों से अपने 40 साल पुराने रिश्ते की यादों को साझा किया. वहीं विस्थापन के चलते ग्रामीणों का पलायन का दर्द सुन वह भावुक हो गए और उन्होंने "चल उड़ जा रे पंछी" गीत की पंक्तियां गुनगुना कर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं.

टाइगर रिजर्व में जारी है विस्थापन प्रक्रिया
नौरादेही अभयारण्य को 20 सिंंतबर 2023 में टाइगर रिजर्व का दर्जा दिया गया था. टाइगर रिजर्व बनने की प्रक्रिया के दौरान ही 93 गांवों के विस्थापन का काम शुरू हो गया था. जिनमें से 41 गांवों के प्रत्येक पात्र परिवार को 15-15 लाख रूपये का मुआवजा देकर विस्थापित किया जा चुका था. टाइगर रिजर्व की अधिसूचना जारी होने पर टाइगर रिजर्व में कोई राजस्व क्षेत्र सीमा से नहीं जोड़ा गया. इसलिए बाकी बचे 52 गांवों की विस्थापन की प्रक्रिया जारी है. जिनमें सागर जिले के 30, दमोह जिले के 18 और नरसिंहपुर जिले के 4 गांव विस्थापित होने हैं. टाइगर रिजर्व प्रबंधन के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष में 26 गांव पूरी तरह से विस्थापित हो चुके हैं और 8 से 10 तैयार विस्थापन के लिए तैयार हैं. वन विभाग के पास 6 गावों के विस्थापन का पैसा आया है और इनकी विस्थापन की प्रक्रिया जारी है. फिलहाल करीब 50 गांव ऐसे हैं, जिनके विस्थापन की प्रक्रिया इसी वित्तीय वर्ष में शुरू हुई है.

विस्थापितों का दर्द सुनकर भावुक हुए गोपाल भार्गव (ETV Bharat)

विस्थापितों के साथ पूर्व मंंत्री ने मनाई आखिरी दीपावली
विस्थापन की इस प्रक्रिया में रहली विधानसभा के पटना मोहली गांव का विस्थापन चल रहा है. इस गांव की आबादी करीब 3000 है और विस्थापन की प्रक्रिया अंतिम चरणों में है. ऐसी स्थिति में गांव के लोग यहां अपनी आखिरी दीपावली मना रहे हैं और गांव के लोगों की आखिरी दीपावली में स्थानीय विधायक और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने गोवर्धन पूजा एवं दीपावली मिलन समारोह का आयोजन किया. जिसमें पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव भावुक नजर आए.

पटना मोहली गांव में आखिरी दिवाली मनी (ETV Bharat)

गोपाल भार्गव ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, ''बहुत समय पहले जब मैं पहला चुनाव जीता था, तब मैंने देखा था कि ग्राम के लोग कैसे मुफलिसी में जीवन व्यतीत कर रहे थे. तब भी मैंने कोशिश की थी और आगे भी कोशिश की कि यहां पर विकास कार्य किया जा सके. परंतु वन विभाग की नियमों के कारण यहां पर सड़क वगेरह नहीं बनाई जा सकी. अब इस ग्राम को विस्थापित किया जा रहा है और मैं यकीन दिलाता हूं कि इस गांव के एक-एक घर के लोगों को ऐसी कॉलोनी का निर्माण करके दूंगा. जैसी कॉलोनी बड़े-बड़े शहरों में देखी जाती है.''

टाइगर रिजर्व के लिए विस्थापित होगा पटना मोहली गांव (ETV Bharat)

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'चल उड़ जा रे पंछी' गाकर भावुक हुए गोपाल भार्गव
अपने संबोधन के दौरान गोपाल भार्गव कई बार भावुक नजर आए उन्होंने गांव से जुड़ी अपनी पुरानी यादें ताजा की और लोगों को बताया कि, ''1985 से लेकर अब तक के विधायक कार्यकाल में उनकी कई यादें पटना मोहली गांव से जुड़ी हुई हैं.'' जनसमूह को संबोधित करते हुए गोपाल भार्गव भावुक भी नजर आए और "चल उड़ जा रे पंछी" गीत गाते समय भावुक हो गए. कार्यक्रम के बाद उन्होंने विस्थापित ग्राम के लोगों की समस्याएं भी सुनी.

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