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RRTS कॉरिडोर के कारण सड़क से घटेगी 1 लाख से अधिक निजी वाहनों की संख्या - RRTS Corridor

RRTS Corridor: NCRTC के अनुसार वह यात्रियों के लिए अपने पार्किंग क्षेत्रों में बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रहा है. यह बैटरी स्वैपिंग स्टेशन न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करेंगे, बल्कि लोगों के लिए अंतिम मील कनेक्टिविटी को भी बढ़ाएंगे.

RRTS corridor likely to take over 1 lakh private vehicles off road
RRTS कॉरिडोर के कारण सड़क से घटेगी 1 लाख से अधिक निजी वाहनों की संख्या (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 19, 2024, 10:47 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ में क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर से एक लाख से अधिक निजी वाहन सड़कों से कम हो जाएंगे और इससे वाहनों से होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में प्रति वर्ष 2,50,000 टन की कमी आएगी.

NCRTC के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने इस बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, "इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन द्वारा संचालित नमो भारत ट्रेन राष्ट्रीय राजधानी में परिवहन का सबसे हरित साधन है. यह एक बार चालू होने के बाद दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर से एक लाख से अधिक निजी वाहनों को कम कर देगा."

नमो भारत ट्रेन में प्रीमियम कोच
निजी वाहनों से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए हर नमो भारत ट्रेन में एक प्रीमियम कोच का प्रावधान किया गया है. वत्स ने कहा कि विशाल और आरामदायक प्रीमियम कोच में कुशन वाली रिक्लाइनिंग सीटें होंगी, जिनमें हर सीट पर मोबाइल और लैपटॉप के लिए चार्जिंग पॉइंट होंगे, ताकि यात्रियों को बिना किसी परेशानी के काम करने और मनोरंजन करने में मदद मिल सके.

NCRTC अधिकारियों के अनुसार सार्वजनिक परिवहन की हिस्सेदारी बढ़ने से निजी वाहनों पर निर्भरता कम होगी और सड़कों पर भीड़भाड़ में भी कमी आएगी, जिससे दुर्घटनाओं की संख्या में कटौती होगी. मल्टी-मॉडल इंटिग्रेशन आरआरटीएस कार्यान्वयन का मुख्य सिद्धांत है. सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए, आरआरटीएस स्टेशनों को बस स्टैंड, हवाई अड्डों, मेट्रो स्टेशनों और रेलवे स्टेशनों जैसे सार्वजनिक परिवहन के मौजूदा साधनों के साथ सहजता से इंटिग्रेट किया जा रहा है.

वायु प्रदूषण होगी कम
एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने बताया कि आरआरटीएस केंद्र सरकार और चार राज्य सरकारों, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को भीड़भाड़ से मुक्त करने, वाहनों की भीड़ और वायु प्रदूषण को कम करने, क्षेत्र के संतुलित करने और सतत विकास को सक्षम करने के लिए एक दीर्घकालिक रणनीतिक हस्तक्षेप है.

एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने बताया कि ईंधन की बचत और वायु प्रदूषण में कमी के कारण, आरआरटीएस कॉरिडोर के संचालन के दौरान कार्बन क्रेडिट जनरेट होगा. इन स्टेशनों को इस तरह से प्लान किया गया है कि वे जहां भी संभव हो, सार्वजनिक परिवहन के मौजूदा साधनों से जुड़े रहें. यह सार्वजनिक परिवहन द्वारा यात्रियों के लिए सुविधाजनक और सुगम यात्रा और एनसीआर में यात्रियों के लिए अंतिम मील कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करेगा. यह अधिक से अधिक लोगों को सार्वजनिक परिवहन पर स्विच करने के लिए प्रोत्साहित करेगा.

आरआरटीएस स्टेशनों पर पार्किंग
सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं के उपयोग को बढ़ावा देने के इरादे से, एनसीआरटीसी दिल्ली से मेरठ तक पूरे कॉरिडोर पर नमो भारत ट्रेनों के यात्रियों को व्यापक पार्किंग सुविधाएं प्रदान करेगा. वत्स ने कहा, "आरआरटीएस स्टेशनों पर विकसित की जा रही पार्किंग में 8000 से अधिक वाहनों को खड़ा किया जा सकेगा. इससे न केवल दिल्ली-मेरठ मार्ग पर निजी वाहनों का भार काफी कम होगा, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं को भी रोका जा सकेगा और वायु प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलेगी."

एनसीआरटीसी यात्रियों को कनेक्टिविटी के विभिन्न विकल्प उपलब्ध कराने पर भी काम कर रहा है. इसके अलावा, एनसीआरटीसी अपने पार्किंग क्षेत्रों में यात्रियों और लास्ट मील सर्विस प्रोवाइड्रस दोनों के लिए बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रहा है. यह पहल यात्रियों के लिए जेब-अनुकूल लागत पर परिवहन के टिकाऊ साधनों को बढ़ावा देगी. बैटरी स्वैपिंग स्टेशन न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करेंगे बल्कि लोगों के लिए अंतिम मील कनेक्टिविटी को भी बढ़ाएंगे.

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