गुवाहाटी: असम में चकमा और हाजोंग के समझौते पर अपने हालिया बयान के बाद व्यापक प्रतिक्रिया के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने अब इस मुद्दे पर सुर बदल दिया है. अब रिजिजू ने कहा है कि उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और गलत तरीके से पेश किया गया.
केंद्रीय मंत्री ने गुरुवार को नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'हिमंत बिस्वा सरमा भारत के लोकप्रिय मुख्यमंत्री और उत्तर-पूर्व के अग्रणी नेता हैं. लोकसभा चुनाव के बीच में किसी ने उन्हें बदनाम करने की साजिश रची है और मेरी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया है कि चकमा-हाजोंग को असम में बसाया जाएगा.'
अभी तीन दिन पहले यानी सोमवार को किरेन रिजिजू ने अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था कि चकमा और हाजोंग लोग अरुणाचल प्रदेश के अस्थायी निवासी हैं और उनका अरुणाचल प्रदेश में कोई स्थान नहीं है. रिजिजू ने सीएए के जरिए असम समेत अन्य जगहों पर चकमा-हाजोंग की स्थापना की वकालत की.
अपने बयान में उन्होंने असम में हाजोंग-चकमास के निपटारे के लिए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत करने का भी जिक्र किया था. रिजिजू की टिप्पणी पर पूरे असम में तीखी प्रतिक्रिया हुई. रिजिजू की टिप्पणी ने स्वाभाविक रूप से मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को चुनावी वोटों की अपील के समय असहज कर दिया.
इस मुद्दे पर दो दिन पहले मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि उन्हें ऐसी किसी योजना की जानकारी नहीं है और चुनाव के बाद रिजिजू के साथ इस मामले पर चर्चा करेंगे. नाराज दिख रहे सरमा ने यह भी कहा था कि किरेण रिजिजू को ऐसी घोषणा करने का कोई अधिकार नहीं है.