लेह: चादर ट्रेक (Chadar Trek) में भाग लेने वाले पहले जत्थे को आज लेह के अतिरिक्त उपायुक्त गुलाम मोहम्मद ने लेह के पर्यटक स्वागत केंद्र से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान कुल 30 ट्रेकर्स ट्रेक पर रवाना हुए. जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने ट्रेकर्स और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए बनाए गए नियमों और रेगुलेशन के संबंध में 11 जनवरी को एसओपी भी जारी की.
लेह के अतिरिक्त उपायुक्त गुलाम मोहम्मद ने कहा, "जिला प्रशासन ने दो बार रेकी की है. शुरुआत में चादर ट्रेक मार्ग ठीक से नहीं बना था, लेकिन अब यह ट्रेकिंग के लिए तैयार है. हमारी प्राथमिकता ट्रेक की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. पिछले साल की तुलना में जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग बेहतर तरीके से तैयार हैं और हमारा लक्ष्य लद्दाख को एक प्रमुख शीतकालीन पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देना है. किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए एसओपी में एहतियाती उपाय शामिल किए गए हैं. हमने ट्रेक की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों के साथ समन्वय किया है."
सुरक्षा उपायों का सख्ती से पालन किया गया है
पर्यटन विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर पद्मा अंगमो ने कहा, "सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. 10 जनवरी को की गई दूसरी रेकी से पुष्टि हुई कि अब यह मार्ग पर्यटकों के लिए सुरक्षित है और आज की तारीख को उद्घाटन के लिए चुना गया. पिछले साल की तरह उचित सुरक्षा उपायों का सख्ती से पालन किया गया है."
उन्होंने कहा, "इस साल हम ट्रेक के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसमें शामिल सभी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि प्लास्टिक और ठोस कचरे को एकत्र किया जाए और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रबंधित निम्मो सेगरेगेशन सेंटर में पहुंचाया जाए. वहां, पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए वेस्ट साइंटेफिकली तरीके से निपटान किया जाएगा."
उन्होंने कहा, "इस साल हम ट्रेक के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसमें शामिल सभी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि प्लास्टिक और ठोस कचरे को एकत्र किया जाए और ग्रामीण विकास विभाग ने प्रबंधित निम्मो सेगरेगेशन सेंटर में ले जाया जाए. वहां, पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निपटान किया जाएगा."