नई दिल्ली: वर्ष 2015 के कैश-फॉर-वोट घोटाला मामले में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को राहत को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. शीर्ष अदालत ने बुधवार को उस याचिका पर विचार करने से इनकार दिया, जिसमें दिसंबर 2016 में नायडू के खिलाफ शिकायत को खारिज करने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी. साथ ही याचिका में टीडीपी प्रमुख नायडू के खिलाफ जांच करने और एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की गई थी.
जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के पूर्व विधायक अल्ला रामकृष्ण रेड्डी की एक अन्य रिट याचिका पर भी विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें शीर्ष अदालत से मामले की जांच को सीबीआई को सौंपने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था. दोनों याचिकाएं रेड्डी द्वारा दायर की गई थीं. याचिकाओं को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रेड्डी से कहा कि न्यायपालिका का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए मंच के रूप में नहीं किया जाना चाहिए.
शीर्ष अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा और अधिवक्ता गुंटूर प्रभाकर और प्रेरणा सिंह की दलीलें सुनीं, जिन्होंने सुवाई के दौरान अदालत के समक्ष सीएम नायडू की पैरवी की. मामले में दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया.