दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

कैश फॉर वोट मामला: आंध्र प्रदेश के सीएम नायडू को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका - Supreme Court - SUPREME COURT

Relief for Andhra CM Chandrababu Naidu From Supreme Court: वाईएसआरसीपी नेता अल्ला रामकृष्ण रेड्डी ने याचिका दायर कर आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की थी. याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्यायपालिका का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के मंच के रूप में नहीं किया जाना चाहिए.

Relief for Andhra CM Chandrababu  Naidu From Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट (Getty Images)

By Sumit Saxena

Published : Aug 21, 2024, 9:15 PM IST

नई दिल्ली: वर्ष 2015 के कैश-फॉर-वोट घोटाला मामले में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को राहत को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. शीर्ष अदालत ने बुधवार को उस याचिका पर विचार करने से इनकार दिया, जिसमें दिसंबर 2016 में नायडू के खिलाफ शिकायत को खारिज करने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी. साथ ही याचिका में टीडीपी प्रमुख नायडू के खिलाफ जांच करने और एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की गई थी.

जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के पूर्व विधायक अल्ला रामकृष्ण रेड्डी की एक अन्य रिट याचिका पर भी विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें शीर्ष अदालत से मामले की जांच को सीबीआई को सौंपने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था. दोनों याचिकाएं रेड्डी द्वारा दायर की गई थीं. याचिकाओं को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रेड्डी से कहा कि न्यायपालिका का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए मंच के रूप में नहीं किया जाना चाहिए.

शीर्ष अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा और अधिवक्ता गुंटूर प्रभाकर और प्रेरणा सिंह की दलीलें सुनीं, जिन्होंने सुवाई के दौरान अदालत के समक्ष सीएम नायडू की पैरवी की. मामले में दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया.

वाईएसआरसीपी नेता अल्ला रामकृष्ण रेड्डी ने विशेष न्यायाधीश के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी और मामले में टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू को आरोपी के रूप में शामिल करने का निर्देश देने की मांग की थी. उन्होंने अपनी शिकायत में दावा किया था कि मनोनीत विधायक एल्विस स्टीफेंसन को एमएलसी चुनाव में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के पक्ष में वोट करने के लिए 50 लाख रुपये नकद की पेशकश की गई थी. इस सनसनीखेज मामले को 2015 में 'कैश-फॉर-वोट' घोटाले के नाम से जाना गया.

रेड्डी ने अदालत का रुख करते हुए दावा किया था कि हालांकि घोटाले की पहली रिपोर्ट में नायडू का नाम करीब दो दर्जन बार आया था, लेकिन जांच एजेंसी ने उन्हें आरोपी के रूप में नामित नहीं किया. अगस्त 2016 में हैदराबाद में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) अदालत के प्रमुख विशेष न्यायाधीश ने तेलंगाना एसीबी को मामले की जांच करने और अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. लेकिन बाद में तेलंगाना हाईकोर्ट ने शिकायत और एसीबी अदालत के आदेशों को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि रेड्डी के पास नायडू के खिलाफ जांच की मांग करने का कोई अधिकार नहीं है.

यह भी पढ़ें-कविता की जमानत याचिका पर 22 अगस्त तक जवाब दाखिल करेगी ED, 27 अगस्त को सुनवाई

ABOUT THE AUTHOR

...view details