रांचीः निलंबित ओएसडी संजीव लाल और उनके नौकर जहांगीर आलम समेत अन्य के ठिकानों से 37 करोड़ रुपए की बरामदगी मामले में गिरफ्तार ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम को कड़ी सुरक्षा के बीच ईडी की टीम ने रांची स्थित पीएमएलए कोर्ट में पेश किया. ईडी ने पूछताछ के लिए 10 दिन का रिमांड मांगा लेकिन कोर्ट ने 6 दिन का रिमांड दिया है. इस दौरान ईडी की टीम उनसे बरामद पैसों का सोर्स जानने की कोशिश करेगी.
बता दें कि टेंडर कमीशन घोटाले से जुड़े मामले में बुधवार को राज्य के मंत्री आलमगीर आलम को गिरफ्तार करने के बाद गुरुवार को पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया. पीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश प्रभात कुमार शर्मा के समक्ष उनकी पेशी हुई. ईडी की तरफ से पक्ष रख रहे उनके वकील अनिल कुमार ने आलमगीर आलम से पूछताछ के लिए 10 दिन के रिमांड की मांग की.
मंत्री आलमगीर आलम के वकील की दलील सुनने के बाद पीएमएलए कोर्ट के न्यायाधीश पीके शर्मा की तरफ से 6 दिन की रिमांड दे दी गई है. रिमांड में लेने के बाद मंत्री आलमगीर आलम को न्यायिक हिरासत में होटवार जेल भेजा गया है. शुक्रवार से उनके रिमांड अवधि की शुरुआत होगी. आलमगीर आलम को कोर्ट लाने से पहले पूरे कोर्ट परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था.
मालूम हो कि मंगलवार को ईडी कार्यालय में पूछताछ के लिए मंत्री आलमगीर आलम को बुलाया गया था. इसके बाद बुधवार को उन्हें दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया गया लेकिन उसी दिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. ईडी की तरफ से यह आरोप लगाया गया है कि मंत्री आलमगीर आलम के ओएसडी रह चुके संजीव लाल के नौकर के घर से पाए गए करोड़ों रुपए में मंत्री आलमगीर आलम की भी संलिप्ता है.
आपको बता दें कि 6 मई को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने मंत्री आलमगीर आलम के ओएसडी संजीव लाल और उनके करीबियों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी. तब संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के फ्लैट से 35 करोड़ से ज्यादा रुपए बरामद हुए थे. इसके बाद ईडी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था. फिलहाल दोनों ईडी की रिमांड पर हैं.