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जिंदा के साथ मुर्दे भी सुनते हैं रामायण , जानिए कहां होता है अनोखा आयोजन ? - बोदरी नगर पंचायत

Ramayan For Dead People आपने जिंदा लोगों को भागवत और रामकथा सुनते तो खूब देखा सुना होगा.लेकिन आज हम आपको ऐसी जगह लेकर चलेंगे जहां पर मुर्दे राम कथा सुनते हैं. सुनने में अजीब जरूर लगे लेकिन हकीकत यही है.आइए जानते हैं आखिर कौन सी जगह में मुर्दों को रामायण सुनने का सौभाग्य मिल रहा है.

Ramayan For Dead People
जिंदा के साथ मुर्दे भी सुनते हैं रामायण

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 3, 2024, 7:42 PM IST

Updated : Feb 4, 2024, 1:25 PM IST

यहां मुर्दे भी सुनते हैं रामायण

बिलासपुर : राम नाम सत्य है..ये लाइनें अक्सर आपने अर्थी यात्रा के दौरान लोगों के मुंह से सुनी होगी.हिंदू धर्म में माना जाता है कि राम का नाम लेने मात्र से मनुष्य को मुक्ति मिल जाती है. जिन्हें कहीं शरण नहीं मिलता उन्हे प्रभु श्रीराम के चरणों में जगह मिलती है. भगवान राम की भक्ति में डूबे भक्त अपने घरों, मंदिर और पूजा स्थलों में अखंड रामायण का पाठ करवाते हैं. जिन्हें सुनने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु इकट्ठे होते हैं.आज हम आपको ऐसे ही रामायण पाठ के बारे में बताने जा रहे हैं.लेकिन ये पाठ किसी मंदिर या सार्वजनिक स्थल में नहीं बल्कि श्मशान में कराया जाता है.जहां इंसानों के साथ मुर्दे भी रामायण पाठ का श्रवण करते हैं.

कहां मुर्दे सुनते हैं रामायण का पाठ ? : बिलासपुर से कुछ दूरी पर स्थित है चकरभाठा.जहां हाईकोर्ट के पीछे नगर पंचायत बोदरी का वार्ड क्रमांड 4 आता है.इस क्षेत्र को लोग नयापारा के नाम से जानते हैं. नयापारा इसलिए भी जाना जाता है क्योंकि मनुष्य की अंतिम यात्रा यहां बने श्मशान घाट में आकर समाप्त हो जाती है. पहली नजर में यहां के श्मशान घाट को देखने पर आपको लगेगा कि किसी बड़े पार्क में घूमने आए हो.लेकिन ये श्मशान घाट है जहां मुर्दों को अंतिम विदाई दी जाती है.

मुर्दों के लिए रामायण पाठ : इस श्मशान घाट में पिछले दो साल से अनोखा आयोजन हो रहा है.यहां के नगर पंचायत अध्यक्ष और आम जनता के सहयोग से श्मशान घाट में ही रामायण पाठ का आयोजन कराया जा रहा है. जिसमें रामायण पाठ करने वाली मंडली आती है.शाम छह बजे से लेकर अगले दिन सुबह 6 बजे तक श्मशान घाट में रामायण का पाठ होता है.जिसे सुनने के लिए आसपास के लोगों के साथ बच्चे और बूढ़े भी बेहिचक श्मशान घाट में चले आते हैं.श्मशान घाट को लेकर ना तो किसी के मन में कोई सवाल उठता है और ना ही किसी तरह का डर. मन में सिर्फ एक ही इच्छा रहती है कि राम नाम का जाप करने सौभाग्य जल्द से जल्द मिले.

क्यों करवाया जाता है रामायण पाठ ? :इस अनोखे रामायण पाठ कराने वाले नगर पंचायत अध्यक्ष और लोगों का मानना है कि इंसान जीते जी राम कथा सुन सकता है. लेकिन कलयुग में काम और पैसे कमाने की आपाधापी में कई लोग ईश्वर भक्ति से दूर रहते हैं. ऐसे में जब उनकी मौत होती है तो कहीं ना कहीं उनको मोक्ष नहीं मिलता.ऐसे ही मृत आत्माओं की शांति के लिए श्मशान घाट में रामायण पाठ का आयोजन हो रहा है.ताकि रात भर रामभजन के माध्यम से मृतात्माओं को वैतरणी पार कराई जा सके.नगर पंचायत अध्यक्ष परदेशी ध्रुवंशी का कहना है कि इस मुक्तिधाम को संवारने का काम सात वर्षों से किया जा रहा है. इसके साथ ही साल में एक बार यहां रामायण आयोजित होता है.

''श्मशान घाट में लोगों को आना अच्छा लगता है.हमारा मानना है कि जीते जी लोग अच्छी जगहों पर जाते हैं.इसलिए मरने के बाद भी लोगों को अच्छी जगह में स्थान मिलना चाहिए.इसके लिए राम का नाम ही सहारा है.क्योंकि अंतिम समय में राम का नाम लेने से मुक्ति मिल जाती है.तो यदि मरने के बाद रामनाम सुना जाए तो महामुक्ति मिलती है.'' परदेशी ध्रुवंशी,नगर पंचायत अध्यक्ष बोदरी

रात भर रहती है रौनक :नगर पंचायत बोदरी का श्मशान घाट लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र भी है.यदि कोई यहां पहली बार आएगा तो उसे बिल्कुल भी नहीं लगेगा कि ये एक श्मशान घाट है.हर तरफ सुंदर फूल के पौधे,हरी भरी घास और फाउंटेन देखने के बाद हर किसी को ये जगह एक गार्डन के रूप में नजर आती है.लेकिन ये असल में श्मशान घाट है.जिसे यहां के स्थानीय लोगों ने सजाया और संवारा है.

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Last Updated : Feb 4, 2024, 1:25 PM IST

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