अयोध्या : राम मंदिर में शिखर तक और सप्त मंदिरों का भी निर्माण पूरा करने का समय नवंबर तक का तय कर दिया गया है. परकोटे का निर्माण भी मार्च 2025 तक पूरा हो सकेगा. मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में हुई दो दिवसीय समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया. बैठक के पहले राम जन्मभूमि परिसर के सभी निर्माण स्थलों का भी निरीक्षण भी किया गया.
112 झरोखे, पैनल लगाने के लिए 100 स्थान चिन्हित :निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि परकोटे की कुल लंबाई 800 मीटर है. परकोटा मंदिर के सुरक्षा की अंतिम दीवार है. जो मंदिर के चारों तरफ परिक्रमा के लिए भी उपयोगी होगी, इसलिए इसकी डिजाइन भी तैयार की गई है. इस दौरान परिक्रमा करने वाले दर्शनार्थी दर्शन भी करते रहेंगे. सुरक्षा की दृष्टि से दीवार बनी हुई है, जिसमें लगभग 112 झरोखे डिजाइन किए गए हैं. परकोटे में 100 स्थान चिन्हित हैं, जहां पैनल लगाए जाएंगे.
8 लाख घन क्यूब पत्थर लगाए जाएंगे :उन्होंने कहा कि परकोटा निर्माण के लिए लगभग 10 स्थानों को बांटकर कार्य किया जा रहा है. यह कार्य बहुत बड़ा है. उन्होंने कहा कि मंदिर में लगभग 4.50 लाख घन क्यूब बंसी पहाड़पुर राजस्थान के पत्थर लगाए जा रहे हैं तो परकोटे में लगभग 8 लाख घन क्यूब पत्थर लगाए जाएंगे. यह निर्माण कार्य इतना बड़ा है, इसलिए यह कार्य हमारे लिए चुनौती है. इस कार्य को दिसंबर 2024 तक पूरा करने में कठिनाई है. एलएंडटी कंपनी के इंजीनियरों जानकारी साझा कर रहे हैं कि गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और प्रयास है कि मंदिर के साथ-साथ सप्त मंदिर और परकोटे के कार्य को पूरा किया जा सके. उन्होंने कहा कि यह कार्य दिसंबर तक पूरा नहीं हो पाता है तो अगले तीन महीने निर्माण कार्य में लग जाएंगे. उन्होंने कहा कि मंदिर और सप्त मंदिर का निर्माण निश्चित रूप से नवंबर 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा.